जाते जाते दोस्तों संग दगा कर गए उद्धव जी, ‘संभाजीनगर’ व ‘धारशिव’ नाम बदल कर बचानी चाही इज्जत
महाराष्ट्र की सियासी बिसात में उद्धव की हर चाल उल्टी पड़ रही है। उद्धव ने सीएम की कुर्सी छोड़ने से पहले अपनी कैबिनेट के जरिए जो आखिरी फैसला किया वो भी उनके हक में नहीं दिख रहा है। उद्धव ने जाते-जाते औरंगाबाद और उम्मानाबाद का नाम बदल दिया। उनकी कैबिनेट ने दोनों जगहों का नाम संभाजीनगर और धारशिव करने का फैसला लिया।
इस फैसले के जरिए उद्धव अपने बागी विधायकों को मनाने की शायद आखिरी कोशिश कर रहे थे जो कामयाब नहीं हुई। कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाकर शिवसेना पर अपने हिंदुत्व के एजेंडे से पीछे हटने की जो छवि बनी हैं उसमें कोई खास अंतर नहीं पड़ा है। वही दूसरी ओर कांग्रेस समेत कई सहयोगी दल इस फैसले से नाराज हो गए हैं। वो इस फैसले को उद्धव की नाकामी करार दे रहे हैं।
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और AIMIM ने उद्धव के इस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि कांग्रेस का एक धड़ा इससे नाराजगी जता रहा है, लेकिन उद्धव की कैबिनेट जब फैसला ले रही थी तो कांग्रेस के कई मंत्री इसमें मौजूद थे।
औरंगाबाद और उम्मानाबाद का नाम बदलने पर सबसे ज्यादा AIMIM भड़की है। AIMIM सांसद इम्तियाज जलील ने उद्धव पर निशाना साधते हुए कहा –“20 साल से शिवसेना इसे सिर्फ एक चुनावी मुद्दा बनाए हुए थी, जब कुर्सी जाने लगी तो नाम बदलने का फैसला ले लिया गया। मैं बताना चाहता हूं कि नाम तो बदले जा सकते हैं लेकिन इतिहास नहीं बदला जा सकता। जब काम के नाम पर दिखाने को कुछ नहीं रहा तो नाम बदलने की घटिया सियासत की गई है। औरंगाबाद की जनता खुद तय करेगी क्या नाम होना चाहिए और क्या नहीं”।
As they began losing power they took this decision…I want to tell Uddhav Ji that history can’t be changed, can change names…You’re setting a great example of cheap politics. Only people can decide which name of Aurangabad will stay:Imtiaz Jaleel,AIMIM MP from Aurangabad(29.6) pic.twitter.com/nKVHgdxNM5
— ANI (@ANI) June 30, 2022
समाजवादी पार्टी ने भी उद्धव के इस फैसले पर आक्रोश जताया है। सपा विधायक अबू आजमी ने कहा “ इस बात का दुख है कि हम जिनका समर्थन कर रहे हैं, जिन्होंने कहा था कि 30 साल गलत लोगों के साथ रहने के बाद अब वे सेकुलर होंगे, वो आखिरी दिन ऐसा कर रहे हैं”। अबू आजमी ने आगे कहा- “मैं शरद पवार, सोनिया गांधी, अजीत पवार, अशोक चव्हाण, बालासाहेब थोराट को बताना चाहता हूं कि मुस्लिमों को दरकिनार किया जा रहा है। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।”
I am sad that the ones we are supporting, who had said that they will now be secular after being with the wrong people for 30 years, are doing this on the last day: Abu Asim Azmi
— ANI (@ANI) June 29, 2022
मैं महाविकास अघाड़ी सरकार की कैबिनेट बैठक में औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदलने के फैसले की निंदा करता हूँ साथ ही मुस्लिम आरक्षण को भी नज़रअंदाज़ किया गया। हमारा समर्थन कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत है लेकिन अब #MVA भी वही कर रही है जो भाजपा करती है। मैं श्री @PawarSpeaks .(1/2) pic.twitter.com/zPNbIyv7nh
— Abu Asim Azmi (@abuasimazmi) June 29, 2022
बताया जा रहा कि सीएम के तौर पर उद्धव के आखिरी फैसले से कांग्रेस में भी नाराजगी है। कुछ कांग्रेस नेता चाहते थे कि इस फैसले का विरोध करते हुए कांग्रेस कोटे के मंत्री कैबिनेट बैठक का वॉकआउट करें। लेकिन सूत्रों से खबर है कि आलाकमान ने इससे इनकार कर दिया। पार्टी को डर था इससे कांग्रेस की हिंदू विरोधी छवि बनेगी। लेकिन कांग्रेस के कुछ नेताओं को लगता है कि इससे कांग्रेस को फायदा कुछ नहीं होगा नुकसान ज्यादा होगा।