प्यार इतना की एक दूजे के बिना नहीं रह सकते थे, एक ने किया सुसाइड तो दूसरे ने भी दे दी जान
पति-पत्नी दोनों नौकरी करते हों और दोनों की पोस्टिंग अलग-अलग जगह हो तो रिश्ते में तनाव आना स्वाभाविक होता है। लेकिन क्या ये तनाव इतना भी हो जाता है कि कोई खुदकुशी कर ले। जयपुर की घटना ने लोगों को दहला दिया है। इंजीनियर के पद तैनात पत्नी का जब जयपुर ट्रांसफर नहीं हुआ तो वो इतनी दुखी हुई कि जान देने के लिए जयपुर की द्रव्यवती नदी में कूद गई। पत्नी को बचाने गए पति की भी जान चली गई।
जयपुर के शिप्रापथ इलाके में तरुण(32) का परिवार रहता है, तरुण की पत्नी मधुबाला(28) सूरतगढ़ थर्मल पावल प्लांट में इंजनियर के पद पर तैनात थी। तरुण बिहार के पटना मेडिकल कॉलेज में कंपाउंडर के पद पर तैनात है। पत्नी मुधबाला चाहती थी कि उसका ट्रांसफर जयपुर हो जाय तो वो अपने पति के साथ ज्यादा समय गुजार सकेगी। पति तरुण भी पत्नी मधुबाला के ट्रांसफर के लिए कोशिश कर रहा था।
पुलिस के मुताबिक तरुण शनिवार को ट्रांसफर के लिए किसी से मिलकर आया था, जिसके बाद दोपहर ढाई बजे उसके पास एक फोन आया जिससे उसे पता चला कि मधुबाला का ट्रांसफर जयपुर नहीं हो सकता। तरुण ने ये बात मधुबाला को बताई।
इस बात को जानकर मधुबाला गुमसुम हो गई और बिना बताए कहीं चली गई। पत्नी को घर में नहीं देखकर पति भी घबरा गया। बाद में पता चला कि मधुबाला द्रव्यावती नदी में कूद गई है, पति तरुण भी बचाने के लिए नदी में कूद गया। बाद में पता चला की दोनों की मौत हो चुकी है।
परिजनों के मुताबिक तरुण और मधुबाला में काफी प्यार था। दो अलग-अलग राज्यों में नौकरी करने से वो एकदूसरे को महीने में सिर्फ 4-5 दिन का समय ही दे पाते थे।
इस बात से मधुबाला काफी दुखी थी, वो चाहती थी कि उसका ट्रांसफर अगर जयपुर हो जाए तो वो एक दूसरे को पहले से ज्यादा समय दे पाएंगे। लेकिन ट्रांसफर नहीं होने की खबर से मधुबाला सदमें में चली गई और उसने खुदकुशी कर ली।पुलिस के मुताबिक घरवालों का कहना है कि मधुबाला डिप्रेशन में थी और उसकी दवाइय़ां भी चल रही थी।
10 महीने के बच्ची के कस्टडी पर विवाद
तरुण और मधुबाला की मौत के बाद उनकी 10 महीने की बेटी की कस्टडी को लेकर ससुराल और मायके वालों में विवाद छिड़ गया है। मामला इतना बढ़ा कि अलवर के रहने वाले ननिहाल पक्ष ने नातिन की कस्टडी नहीं मिलने तक बेटी के शव का अंतिम संस्कार करवाने से मना कर दिया। पुलिस ने दोनों पक्षों को काफी समझाबुझा कर तरुण और मधुबाला का अंतिम संस्कार करवाया। फिलहाल बच्ची की कस्टडी को लेकर अभी कोई फाइनल फैसला नहीं हुआ है। दोनों पक्षों में इसे लेकर बातचीत चल रही है।