2019 नहीं 2018 में ही होंगे लोकसभा चुनाव, जानिए क्या है इसकी वजह?
नई दिल्ली – देश का लोकतांत्रिक ढ़ांचा कुछ ऐसा है कि यहां हर वक्त कहीं ना कहीं चुनाव चलते ही रहते हैं। इसी वजह से कई बार पार्टियों ने दो चुनावों को एक साथ कराने की मांग कि है या कराये गए हैं। अब मोदी सरकार ऐसा ही कुछ करने जा रही है। जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी कई बार कह चुके हैं कि देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव जहां संभव हो वहां एक साथ होने चाहिए। संविधान में भी इस बात को मंजूरी मिली है कि चुनाव आयोग अपनी सुविधानुसार ‘समय पूर्व’ चुनाव करा सकता है। Loksabha and vidhansabha election together
2018 में ही लोकसभा चुनाव करा सकती है मोदी सरकार
रिपोर्ट के मुताबिक, विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ ही कराए जा सकते हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि अधिक से अधिक राज्यों में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा के चुनाव कराए जाने पर चर्चा शुरु हो चुकी है। यह माना जा रहा है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव को समकालीन बनाने के लिए लोकसभा चुनाव 2019 में नहीं बल्कि, अगले साल ही 2018 के नवंबर दिसंबर में हो सकते हैं।
आपको बता दें कि काफी लंबे समय से यह मांग उठ रही है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव को एक साथ कराया जाए। केन्द्र सरकार और खुद मोदी भी कई बार लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाने की वकालत कर चुके हैं। इसलिए ऐसी संभावना बन रही है कि लोकसभा चुनाव अगले साल ही हो सकते हैं। गौरतलब है कि अगले ही साल छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान,मिजोरम और कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने हैं।
चुनाव आयोग के पास हैं ये अधिकार
लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के संबंध में अगर नियमों कि बात करें तो वर्तमान नियमों के मुताबिक तय समय से 6 महीने पहले चुनाव की घोषणा की जा सकती है। लोकसभा चुनाव के 6 महीने बाद जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव है वहां एकसाथ चुनाव कराये जा सकते हैं। चुनाव आयोग को ऐसा करने का अधिकार प्राप्त है।
दरअसल, 2018 में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं इसी बीच सरकारी स्तर पर 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को विधानसभा चुनाव के साथ कराने के लिए चर्चा शुरु हो चुकी है। खबर के मुताबिक इसको समझने के लिए मोदी सरकार लोकसभा के पूर्व सेक्रटरी जनरल सुभाष कश्यप और कई अन्य सचिवों की राय ले रही है।