इस शर्त के साथ फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार शिवसेना विधायकों का बागी गुट, बताया कब पहुंचेंगे मुंबई
शिवसेना के बागी विधायकों का कब वापस महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई आना होगा ये बड़ा सवाल बगावत के बाद से ही उठ रहा है। क्योंकि बागी विधायक पहले सूरत फिर असम की राजधानी गुवाहाटी पहुंचे और तब से वहां डेरा डाले हुए हैं। साथ ही ये बड़ा सवाल भी उठ रहा है कि शिवसेना का ये गुट कब विधानसभा में अपनी ताकत सिद्ध करेगा। इन सवालों का जवाब बागी गुट के एक विधायक दीपक केसरकर ने दिया है।
दीपक केसरकर ने कहा कि शिंदे के नेतृत्व में बागी गुट के विधायक किसी भी समय फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं, लेकिन वो ऐसा तभी करेंगे जब विधानसभा में शक्ति परीक्षण का मौका पहले उनके गुट को मिले। केसरकर ने कि हम किसी भी कीमत पर महा विकास अघाड़ी सरकार का समर्थन अब नहीं करेंगे।
51 विधायक के समर्थन का दावा
इधर उद्धव और उनकी टीम के लाख कोशिशों के बाद भी बागी गुट का संख्या बल बढ़ता जा रहा है। शिवसेना के बागी शिंदे गुट ने अब 51 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। बागी गुट के विधायक केसरकर ने मीडिया को बताया कि उनके साथ शिवसेना के एक से दो विधायक और साथ आएंगे, जिसके बाद अन्य निर्दलीय विधायकों को मिलाकर उनके गुट की संख्या 51 हो जाएगी। केसरकर ने ये भी कहा कि अगले तीन-चार दिन में फाइनल फैसला हो जाएगा जिसके बाद हम सीधे महाराष्ट्र लौट जाएंगे।
One to two more MLAs will come & join us. With their support and other independents, our strength will be increased to 51. We will arrive at a decision in 3-4 days & thereafter, we will directly go back to Maharashtra: Rebel Shiv Sena MLA Deepak Kesarkar to ANI
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— ANI (@ANI) June 26, 2022
उद्धव के एक और मंत्री गुवाहाटी पहुंचे
इधर उद्धव सरकार के एक और मंत्री का समर्थन बागी शिंदे गुट को मिल गया है। रविवार मंत्री उदय सामंत गुवाहाटी पहुंचे और एकनाथ शिंदे के कदम का समर्थन किया। खबर है कि सामंत चार्टर्ड प्लेन से सूरत से गुवाहाटी पहुंचे हैं।
इधर शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्यता का नोटिस देने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। ऐसा माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के छंटने की तस्वीर साफ होने लगेगी। गौरतलब है कि विधानसभा उपाध्यक्ष ने शिवसेना के 16 बागी विधायकों को नोटिस भेज कर पूछा है कि क्यों ना उनका अयोग्य ठहरा दिया जाय।