बेटी की पढ़ाई के लिए मां ने गिरवी रखा मंगल सूत्र, एक कमरे में रही,बेटी, बेटी ने यूँ चुकाया फ़र्ज़
भारत में सुहागन स्त्री के लिए मंगलसूत्र उसका सबसे बड़ा गहना होता है। ये सुहाग की निशानी होता है। कोई भी सुहागन स्त्री अपने मंगलसूत्र को हमेशा सुरक्षित और बचा कर रखती है। लेकिन संतान के लिए एक मां अपने सुहाग को लेकर भी कैसे जोखिम उठा लेती है, ये घटना उसी की एक मिसाल पेश करती है।
बेटी के लिए मंगलसूत्र गिरवी रखा
मुंबई की एक मां ने अपनी बेटी को अमेरिका में उच्च शिक्षा दिलाने के लिए अपना मंगलसूत्र गिरवी रख दिया। महाराष्ट्र में सुहागन महिला के लिए मंगलसूत्र का काफी महत्व होता है, लेकिन ये महिला अपनी बेटी के लिए बेझिझक मंगलसूत्र को गिरवी रख दिया।
बेटी ने भी रखी लाज
बेटी ने भी अपने मां के इस त्याग की लाज रखी और अमेरिका में वो पढ़ाई पूरी कर रही है जिसका सपना सब नहीं देख पाते। साक्षी नाम की इस बेटी ने न्यूयॉर्क इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी विद फ्लाइंग कलर्स से कंप्यूटर सांइंस में डिग्री हासिल की है। साक्षी अमेरिका स्थित गूगल-US में एसोसिएट प्रोडक्ट मैनेजर की इंटर्नशिप भी प्राप्त कर चुकी हैं। इस इंटर्नशिप के लिए विश्व से केवल 45 छात्र ही चुने गए हैं।
अमेरिका में स्टडी साक्षी का सपना था
साक्षी का बचपन से अमेरिका में हाई स्टडी करने का सपना था। साक्षी साधारण परिवार से ताल्लुक रखती थीं। मुंबई में एक छोटे से कमरे के घर में माता-पिता और दादा-दादी के साथ रहते हुए उन्होंने एक संघर्षपूर्ण माहौल में अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाया। अपनी प्रतिभा के दम पर साक्षी ने 12वीं कक्षा में ही अपना पहला मोबाइल ऐप बना लिया था। ये ऐसा ऐप था जिसमें 90 भाषाओं में बोलने पर वही मैसेज लिखकर आ जाता है।
साक्षी सॉफ्टवेयर की पढ़ाई के लिए अमेरिका जाना चाहती थीं। लेकिन इसके लिए काफी पैसे की जरूरत थी। माता-पिता तो उसका सपना पूरा करने में लगे ही थे, साक्षी खुद भी काम कर पैसे इकट्ठा कर रही थी। इन सब को बावजूद जब अमेरिका जाकर पढ़ने के लिए एडमिशन की बात आई तो उनके पास सिर्फ ट्यूशन फीस भरने का पैसा ही जुट पाया। तब मां ने बाकी फीस भरने के लिए एक बड़ा कदम उठाया और मंगलसूत्र गिरवी रखकर लोन लिया।
मां के इस त्याग से साक्षी अमेरिका पहुंच गयी। फर्स्ट सेमेस्टर की पढ़ाई के बाद उसने जब सेकंड सेमेस्टर में एडमिशिन लिया तो अपनी पढ़ाई का खर्च पूरा करने के लिए कैंपस जॉब किया। कई बड़ी कंपनियों की इंटर्नशिप और फेलोशिप हासिल की। अब पढ़ाई पूरी होने पर साक्षी का एक बड़ा साफ्टवेयर इंजीनियर बनना तय है। इस बेटी ने भी अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत से अपनी मां के त्याग की लाज रख ली है।