जीवन में ढेरों लाभ पाने के लिए रविवार के दिन लाल कपड़े पहनकर कीजिए ये काम
धर्मशास्त्रों में रविवार के दिन को भगवान सूर्य का दिन माना गया है। यही वजह है कि रविवार के दिन लोग सुर्य पूजा करते हैं। सूर्यदेव को निओग का देवता माना जाता है। अक्सर आपने किसी अस्पताल में सूर्यदेव की प्रतिमा या चित्र बना हुआ देखा होगा। यह इसीलिए बनाया जाता है कि सूर्यदेव आने वाले मरीजों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखें। सूर्यदेव की पूजा केवल रविवार को ही नहीं प्रत्येक दिन की जानी चाहिए।
नहीं होती जीवन में किसी चीज की कमी:
प्रत्येक सुबह उठकर सूर्य नमस्कार करके सूर्यदेव को जल चढ़ाने से जीवन में मन-सम्मान के साथ-साथ निरोगी काय भी प्राप्त होती है। व्यक्ति को जीवन में किसी चीज की कमी भी नहीं होती है। सारी परेशानियों से व्यक्ति मुक्त हो जाता है। ज्यादातर लोग सूर्यदेव को जल अर्पित करते हैं, लेकिन उन्हें इसका उचित फल प्राप्त नहीं हो पाता है। इससे वह चिंतित हो जाते हैं। सूर्यदेव को जल अर्पित करते समय कुछ बातों को ध्यान में रखना जरुरी होता है।
सूर्यदेव को जल अर्पित करने से पहले ध्यान में रखें ये बातें:
*- प्रत्येक सुबह जल्दी जागकर दैनिक कर्मों से निवृत्त होकर सूर्यदेव को जल अर्पित करें। सूर्यदेव को जल अर्पित करते समय “ॐ सूर्याय नमः” का जाप करना ना भूलें। जिस दिन सूर्यदेव नहीं दिखाई देते हैं, उस दिन केवल पूर्व की तरफ मुँह करके भी आप जल अर्पित कर सकते हैं।
*- जल अर्पित करते समय कभी भी सीधे सूर्यदेव को नहीं देखना चाहिए, बल्कि जो जल निचे गिर रहा है उसकी धार के माध्यम से ही सूर्यदेव को देखें। इससे आपके आँखों की रोशनी भी बढ़ती है और नौ ग्रहों के दोषों से भी मुक्ति मिलती है।
*- सूर्यदेव को जल अर्पित करते समय इस बात का ख़ास ख़याल रखना चाहिए कि उन्हें सोने, चाँदी, स्टील, लोहे या कांच के बर्तन से जल अर्पित नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें तांबे के लोटे से जल अर्पित करें।
*- सूर्यदेव को जल अर्पित करने से पहले यह भी सुनिश्चित कर लें कि आपने लोटे में चावल और लाल फूल डालें हैं कि नहीं। यह अत्यंत ही शुभ होता है।
*- सूर्यदेव को जल अर्पित करते समय हमेशा आपका मुँह पूर्व दिशा की तरफ ही होने चाहिए।
*- जब भी आप सूर्यदेव को जल अर्पित करें इस बात का ध्यान रखें किसर जल एक ही बार में ना गिरा दें, बल्कि उसे धीरे-धीरे करके 7 बार में गिरायें। जल अर्पित करते समय लाल वस्त्र धारण करना बहुत ही शुभ होता है, साथ ही सूर्यदेव के विशेष मन्त्र का जाप करना चाहिए।