दहेज के 5 लाख के लिए टूट गई थी शादी, फिर भी ऐसे एक-दूजे के हुए दूल्हा-दुल्हन, जानिए पूरा मामला
देशभर में चारों तरफ दहेज प्रथा से संबंधित मामले देखने और सुनने को मिलते रहते हैं। हर इंसान दहेज प्रथा से परेशान है, लेकिन फिर भी इसके खिलाफ आवाज उठाने से लोग पीछे हट रहे हैं। दहेज प्रथा हमारे समाज की सबसे कुरीति हैं और इसको रोकना बहुत ही जरूरी है। यह सदियों से चली आ रही प्रथा है। मौजूदा समय में इस प्रथा को रोकने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अभी भी यह प्रथा पूरी तरह से खत्म नहीं हो पाई है।
दहेज प्रथा का मतलब यह होता है कि लड़की की शादी के समय लड़की के साथ दहेज के रूप में बहुत कुछ सामान लड़के के परिवार वालों को देना पड़ता है परंतु जो परिवार गरीब है, वह यह सब करने में समर्थ नहीं हो पाते हैं, जिसके बाद लड़के पक्ष के लोगों द्वारा दहेज प्रथा के नाम पर उन्हें प्रताड़ित किया जाता है या फिर दहेज के लिए विवश किया जाता है।
अक्सर इस तरह के मामले सुनने में आते रहते हैं कि दहेज ना मिलने की वजह से किसी की शादी टूट गई या फिर ससुराल में लड़की को परेशान किया जा रहा है। इसी बीच झारखंड के रांची में दहेज से जुड़ा हुआ एक मामला सामने आया है, जिसमें दहेज के 5 लाख रुपए के लिए शादी टूट गई।
दरअसल, 14 मई को जयमाला के ठीक बाद दहेज में 5 लाख रुपए ना मिलने पर दूल्हे पक्ष ने शादी में जमकर हंगामा किया था। वहीं अचानक से ही दहेज की मांग आने पर दुल्हन भी बहुत ज्यादा गुस्सा हो गई और उसने शादी करने से मना कर दिया था, तो चलिए जानते हैं आखिर यह पूरा मामला क्या है।
5 लाख रुपये के लिए टूट गई थी शादी
दरअसल, आज हम आपको जिस मामले के बारे में बता रहे हैं यह झारखंड के रांची का है। कुछ दिन पहले कांटाटोली स्थित गौस नगर के विकास वर्मा और कौशल्या देवी की शादी दहेज में मांगे गए 5 लाख रुपए के लिए टूट गई थी। जब इस पूरे मामले की खबर स्थानीय लोगों को मालूम हुई, तो उन्होंने दूल्हा पक्ष और दुल्हन पक्ष के लोगों से बातचीत की। किसी तरह लोगों के द्वारा इस आपसी विवाद को सुलझा दिया गया। 5 लाख रुपए के लिए टूटी शादी समाज की पहल से पहाड़ी मंदिर में संपन्न हुई।
पहाड़ी मंदिर में कराई शादी
रिपोर्ट्स के अनुसार, जब 14 मई को जयमाला के ठीक बाद 5 लाख ना मिलने की वजह से दूल्हा पक्ष ने जमकर हंगामा किया तो अचानक दहेज की डिमांड आने पर गुस्से में दुल्हन ने भी शादी के लिए मना कर दिया। लेकिन कुछ दिन के बाद वर पक्ष को अपनी गलती का एहसास हो गया।
स्थानीय लोगों ने विकास और कौशल्या की शादी पहाड़ी मंदिर में कराई। इसके साथ ही पूरे समाज के सामने दूल्हा विकास और उसके परिवार ने दुल्हन को पूरे मान-सम्मान के साथ रखने और कोई दहेज नहीं लेने की शपथ ली।
शादी के बाद मंदिर समिति की ओर से मैरिज सर्टिफिकेट भी उन्हें दिया गया था। इसके बाद विकास और कौशल्या ने कोर्ट में शादी के लिए आवेदन दिया। बारातियों के लिए खाने की व्यवस्था दुल्हन के परिजनों की तरफ से की गई थी।
इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है यह शादी
नवविवाहित जोड़े का ऐसा कहना है कि वह समाज को दहेज ना लेने का संदेश देना चाहते हैं। अब गांव के बड़े बुजुर्ग वर-वधू को नए जीवन के लिए शुभकामनाएं दे रहे हैं। यह शादी पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन और उनका परिवार बहुत खुश है।