पाक बेनकाब! POK, गिलगित-बाल्टिस्तान में शुरु हुआ पाकिस्तान के खिलाफ विरोध
नई दिल्ली – कश्मीर की आजादी की बात करने वाला पाकिस्तान अब खुद ही घिर गया है, क्योंकि उसके कब्जे वाले पीओके और गिलगित-बल्टीस्तान के लोग आजादी की मांग लेकर एक बार फिर से सड़कों पर उतर आये हैं। तीनों जगहों कि राजनीतिक पार्टियों ने खुलेआम पाकिस्तान का विरोध किया है और खुद को पाकिस्तान का हिस्सा मानने से इंकार कर दिया है। Pok raise voice against Pakistan.
हम पाकिस्तान का हिस्सा नहीं, लूट और भ्रष्टाचार बंद हो
Political parties of Pakistan need to end drama in PoK & Gilgit-Baltistan, these areas aren’t part of Pakistan : Misfar Khan, PoK Politician pic.twitter.com/amaUPdyzYM
— ANI (@ANI) August 12, 2017
पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में पाकिस्तानी सेना और सरकार जुल्म करने कि हद को पार कर चुकी है। पाकिस्तानी सेना के जुल्मों से तंग आकर यहां की जनता ने खुलेआम पाकिस्तान के खिलाफ आंदोलन छेड दिया है और अपने ऊपर हो रहे जुल्मों को पूरी दुनिया के सामने बताया है। इन लोगों ने एक बार फिर पाकिस्तान के खिलाफ आवाज उठायी है।
पीओ में इस जन आंदोलन के नेता मिसफर खान ने कहा है कि पाकिस्तान को अब ये बात समझ जानी चाहिए और मान लेनी चाहिए कि पीओके और गिलगिट-बाल्टिस्तान उसके हिस्से नहीं हैं। पाकिस्तानी सेना और सरकार ने यहां पर जो लूट-पाट और भ्रष्टाचार किया है अब उन्हें इसे बंद करना होगा। वहीं एक अन्य राजनीतिक कार्यकर्ता के मुताबिक, पीओके और गिलगिट-बाल्टिस्तान की जनता पाक कि वजह से गुलामों की जिंदगी जी रही है।
क्या है मामला
The loot & exploitation being done by political parties of Pakistan in PoK & Gilgit-Baltistan needs to stop: Misfar Khan, PoK Politician
— ANI (@ANI) August 12, 2017
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार पीओके के राजनैतिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें पाकिस्तान का गुलाम माना जाता है और उनके लिए देशद्रोही जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। पाकिस्तान के खिलाफ जो भी बोलता है उसे जेल में डाल दिया जाता है। लोगों का कहना है कि पाकिस्तान की वजह से पीओके में न सड़कें हैं और न ही कारखाने हैं।
आपको बता दें कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में काफी समय से लोग पाकिस्तान का विरोध कर रहे हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान और पीओके कि राजनीतिक पार्टियां समेत कई सामाजिक कार्यकर्ता पाकिस्तान की नीतियों की खुलकर आलोचना कर रहे हैं और आजादी की मांग कर रहे हैं।