रूसी हमले में बर्बाद हो चुकी यूक्रेनी महिला को भारतीय आश्रम में मिली शरण, बेटी की जान भी बचाई
रूस के हमले में अपना सबकुछ गंवा बैठी यूक्रेन की महिला को भारत के आश्रम में सहारा मिल गया। वो हमलों से बचने के लिए परिवार के साथ भारत आ गई थी। यहां पर उत्तराखंड के एक आश्रम में उनको रहने की जगह दी गई। उसके खाने-पीने से लेकर बच्चों के इलाज तक के लिए सारी सुविधाएं मुफ्त कर दी गई हैं।
महिला अपने बच्चों के साथ आश्रम में ठिकाना तलाशने आई थी। उसे सहारा तो मिल गया लेकिन उसकी बेटी की अचानक तबीयत खराब हो गई थी। ऐसे में उसको भी तत्काल ऑपरेशन की जरूरत बताई गई थी। भारतीय डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन भी निशुल्क किया। वो भारत की प्रशंसा करते थक ही नहीं रही है।
उत्तरकाशी में मिला सहारा
रूस और यूक्रेन में जंग थमने का नाम ही नहीं ले रही है। रूस किसी भी हाल में यूक्रेन को घुटने टेकने के लिए राजी करना चाहता है। वहीं यूक्रेन सरेंडर करने के लिए तैयार ही नहीं है। दोनों देशों के बीच जंग का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। यूक्रेन की साफी भी उन लोगों में से ही एक है।
वो किसी भी सूरत में अपने बच्चों की जान बचाना चाहती थी। ऐसे में वो अपने डॉक्टर पति को वहीं छोड़कर बच्चों के साथ भारत चली आई। यहां पर उसको उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बने आश्रम में शरण मिली। ये आश्रम पायलट बाबा का है जिन्होंने साफी को आश्रम में आने की सलाह दी थी। इसी के बाद वो अपने बच्चों को लेकर यहां चली आई थी।
पायलट बाबा को बना लिया था गुरु
साफी कीव शहर में रहती है और इंजीनियर है। उसके परिवार में पति के अलावा 4 बच्चे हैं। जब 10 साल पहले उसके पहले बच्चे का जन्म हुआ था, तब उसका भारत आना हुआ था। यहां पर आकर वो पायलट बाबा के पास पहुंची थी। उनसे प्रभावित होकर उसने बाबा को अपना गुरु मान लिया था। वो तब से ही उनकी भक्त है।
जब यूक्रेन और रूस में जंग शुरू हुई, तब साफी ने बाबा को फोन किया था। इसके बाद पायलय बाबा ने उसको बच्चों के साथ आश्रम में आने को कह दिया था। इसके बाद वो उत्तरकाशी में स्थित आश्रम में चली आई थी। यहीं पर वो शरण ली हुई है और उसके बच्चे भी उसके साथ में रहते हैं। उनकी पूरी जिम्मेदारी आश्रम ही उठा रहा है।
डॉक्टरों ने बचाई बच्ची की जान
साफी आश्रम में आई तो उसकी 6 साल की बेटी अभया की हालत बहुत खराब थी। जब जांच हुई तो पता लगा कि उसको अपैंडिक्स की दिक्कत हो गई है। हालांकि साफी के पास उसके ऑपरेशन के पैसे ही नहीं थे। फिर उसने रेड क्रॉस से मजज मांगी। यहां उसकी मुलाकात चेयरमैन माधव प्रसाद जोशी से हुई।
उत्तरकाशी में रेड क्रॉस के मेंबर संतोष सकलानी ने अभया की सारी फीस जमा करवा दी। इसके बाद 18 मई को बेटी का ऑपरेशन किया गया। अब वो पूरी तरह से ठीक है। साफी ने इस बात को यूक्रेन में अपने पति को बताया तो वो भी खुश हो गए। पिछले हफ्ते ही साफी के डॉक्टर पति भी कीव छोड़कर आश्रम में आ गए हैं।