जानें क्यों बड़े डायरेक्टरों ने राजेश खन्ना को कर दिया था बैन, फिल्मों को तरसने लगे थे अभिनेता
बॉलीवुड के पहले सुपर स्टार का खिताब अगर किसी एक्टर को मिला तो वो राजेश खन्ना थे। अब वो हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके किस्से आज भी फिल्म जगत में सुनाए जाते हैं। उनके जैसा स्टारडम तो शायद ही किसी को मिला था। उनके बारे में एक कहावत मशहूर थी ‘ऊपर आका नीचे काका’।
हालांकि इस एक्टर ने अपने जीवन में सफलता ही नहीं बल्कि असफलता भी देखी। आखिर ऐसा क्या हुआ था कि बॉलीवुड डायरेक्टर उनके खिलाफ आकर खड़े हो गए थे। इन लोगों ने राजेश को बैन कर दिया था। आलम ये था कि राजेश खन्ना को फिल्में मिलना ही बंद हो गई थीं। आइए इस किस्से को जानते हैं।
दरियादिल हुआ करते थे राजेश खन्ना
राजेश खन्ना अपने जमाने में दरियादिल अभिनेता हुआ करते थे। उनके बारे में कई किस्से मशहूर हैं। एक बार तो वो अपनी नौकरानी के घर 6 महीने का राशन लेकर पहुंच गए। उनको पता चला था कि उसकी बहन का ऑपरेशन है। ऐसे में उनको चिंता थी कि वो क्या खाएगी। फिर उन्होंने राशन उसके घर पहुंचा दिया था।
राजेश खन्ना का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोला करता था। लोग उनकी एक झलक पाने के लिए पागल रहते थे। खासकर लड़कियां तो उनकी हर अदा की दीवानी हुआ करती थीं। आलम ये था कि राजेश जिस गाड़ी से निकलते थे। उस गाड़ी को लड़कियां चूमा करती थीं। उस जमाने में लड़कियां उनसे शादी करने के लिए दीवानी रहती थीं।
अमिताभ भी उनसे प्रभावित होकर बने थे हीरो
फिल्मों में उनके रोल से प्रभावित होकर कई युवा हीरो बनने चले आते थे। खुद अमिताभ बच्चन भी उनसे प्रभावित थे। उन्होंने खुद इस बात को कबूल किया था कि फिल्मों में आने की प्रेरणा उनको राजेश खन्ना को देखकर ही मिली थी। राजेश खन्ना के गीत हो या उनकी फिल्में, उस दौर में सबकुछ हिट हो जाया करता था।
बड़े-बड़े फिल्म मेकर उनको अपनी फिल्म में लेने के लिए लाइन लगाए रहते थे। राजेश जो भी फीस बोलते, वो फाइनल हो जाती। इसकी वजह फिल्म हिट होने की गारंटी थी। राजेश जिस भी फिल्म में हीरो बन जाते, वो फिल्म सुपरहिट हो जाया करती थी। इससे फिल्म मेकर मालामाल हो जाते थे।
इस वजह से डायरेक्टरों ने कर दिया था बैन
राजेश खन्ना को सफलता तो मिली लेकिन इसके साथ ही उनके ऊपर सफलता का नशा भी चढ़ता गया। एक समय जब वो अपने करियर के पीक पर चल रहे थे तो उनका अहंकार भी चरम पर था। राजेश खन्ना का घमंड बढ़ा तो वो मनमानी पर उतर आए थे। वो बड़े-बड़े डायरेक्टरों की फिल्में ठुकरा देते थे।
उनकी इस मनमानी से परेशान होकर बड़े डायरेक्टरों ने उनको अपनी फिल्मों से बैन ही कर दिया। चाहे ऋषिकेश मुखर्जी हों या मनमोहन देसाई या फिर शक्ति सामंत, सभी ने उनसे किनारा कर लिया था।
धीरे-धीरे हालत ये हो गई कि राजेश को फिल्म मिलना ही बंद हो गई। इसके बाद उनका करियर ग्राफ भी धड़ाम हो गया। राजेश ने खुद भी एक इंटरव्यू में कहा था कि वो खुद को भगवान समझने लग गए थे।