रोड बंद होने से मुश्किल में दिख रही थी जवान की शादी, BSF ने किया ऐसा काम, लोग ठोंक रहे सलाम
देश की रक्षा, सुरक्षा के लिए अर्द्धसैनिक बल और हमारे सैनिक हर समय सरहद पर डटे रहते हैं. सरहद पर सीना ताने दुश्मनों से लोहा लेते हुए हमारे जवान वीरगति को भी प्राप्त हो जाते हैं. हालांकि वे कहते हैं कि हमारा जीवन, हमारी जवानी वतन के काम आनी चाहिए.
वैसे आपको बता दें कि हमारे जवान और अर्द्धसैनिक बल सिर्फ सीमा सुरक्षा, अपने साहस और निडरता के लिए ही नहीं जाने जाते है बल्कि अक्सर बीएसएफ जैसे देश के अर्द्धसैनिक बल कुछ ऐसा भी कर जाते है जो लोगों के दिलों को छू जाता है. एक ऐसी ही ख़बर से हम आपको रूबरू करवा रहे हैं.
दरअसल जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान साथ लगने वाले सीमा पर एक जवान की तैनाती है जिसका नाम नारायण बेहरा है. 30 वर्षीय मां भारती के इस बेटे की शादी होने जा रही है. शादी के लिए मुहूर्त 2 मई का है. हालांकि परिवार इस चिंता और डर में था कि बेटा अपनी नौकरी से तय समय सीमा पर पहुंचेगा कि नहीं. हालांकि इसका जिम्मा उठाया है बीएसएफ ने.
बीएसएफ ने अपने जवान नारायण बेहरा को गुरुवार को जम्मू और कश्मीर से अपने गांव पहुंचाने की जिम्मेदारी उठाई. नारायण ओडिशा के धेनकनाल जिले के आदिपुर गांव के रहने वाले हैं. सेना के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि नारायण गुरुवार तक जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर दूर-दराज इलाके की पोस्ट पर तैनात थे.
नारायण की माछिल सेक्टर में बहुत ही ऊंचाई वाली जगह पर तैनाती थी. इस क्षेत्र ने पूरी तरह से फिलहाल बर्फ की चादर ओढ़ रखी है और वजह से सड़क मार्ग से आना-जाना बंद है. यहाँ से ओडिशा में नारायण को अपने गांव तक 2500 किलोमीटर का सफर तय करना मुश्किल लग रहा था. ऐसे में नारायण शादी के लिए सही समय पर अपने घर पहुंच जाए इसलिए बीएसएफ ने उन्हें वहां से मिलिट्री एयरलिफ्टिंग करके श्रीनगर पहुंचा दिया है और वे अपने घर के लिए रवाना हो चुके थे. नारायण के लिए एक स्पेशल हेलीकॉप्टर सॉर्टी की व्यवस्था की गई थी.
सेना के अधिकारी ने यह भी बताया कि नारायण बेहरा के माता-पिता इस बात को लेकर चिंता में थे कि उनका बेटा शादी के लिए समय पर पहुंचेगा कि नहीं. वह काफी परेशान थे कि शादी की सारी तैयारियां तो तय तारीख के हिसाब से ही की जा चुकी हैं. आईजी ने आदेश दिया कि फोर्स का जो चीता हेलीकॉप्टर श्रीनगर में है, उसे फौरन भेजकर बेहरा को एयरलिफ्ट किया जाना चाहिए. आईजी ने कहा कि सैनिको का कल्याण ही उनकी ‘पहली और सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता’ है.