क्रिकेट के इतिहास में वैसे तो कई महान बल्लेबाज हुए। कई खिलाड़ी ऐसे भी रहे जिनका रिकॉर्ड कोई तोड़ ही नहीं सका। जिनके फैन्स भी बहुत थे लेकिन इनमें से कोई ‘गॉड ऑफ क्रिकेट’ या ‘क्रिकेट के भगवान’ का दर्जा नहीं मिल सका। ये दर्जा सिर्फ भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के पास ही है।
सचिन तेंदुलकर भारतीय टीम के वो खिलाड़ी हुआ करते थे, जिनके टीम में होने से ही दूसरे प्लेयर का हौसला बना रहता था। मुश्किल से मुश्किल दौर में भी वो टीम इंडिया को बाहर निकाल लाते थे। वैसे क्या आपको पता है कि एक बार भारतीय टीम के खिलाफ वो पाकिस्तान की ओर से मैदान में उतरे थे।
आज है सचिन का जन्मदिन
सचिन तेंदुलकर आज यानि 24 अप्रैल को अपना जन्मदिन मना रहे हैं। वो पूरे 49 साल के हो गए हैं। 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में जन्मे इस महान खिलाड़ी ने सिर्फ 16 साल में ही अपना क्रिकेट करियर शुरू कर दिया था। बचपन से ही उन्होंने दिखा दिया था कि वो आगे चलकर महान बल्लेबाज बनने वाले हैं।
सचिन ने शतकों का शतक लगाकर ऐसा रिकॉर्ड बनाया है जो आजतक कोई छू भी नहीं सका। उन्होंने 24 सालों तक 664 इंटरनेशनल मैच खेले और 34 हजार से ज्यादा रन बनाए। सचिन ने बल्ले से ही नहीं बल्कि गेंद से भी कमाल दिखाया था। उन्होंने कुल 201 विकेट लेकर अपनी गेंदबाजी का जलवा भी दिखाया।
एयरपोर्ट पर हुई थी अंजलि से पहली मुलाकात
सचिन तेंदुलकर और उनकी पत्नी की लव स्टोरी भी बेहद दिलचस्प है। दोनों की पहली मुलाकात साल 1990 में हुई थी। उस दौरान सचिन विदेशी दौरे से लौट रहे थे। वहीं अंजलि अपनी मम्मी को लेने के लिए एयरपोर्ट आई हुई थीं। यहीं पर पहली बार दोनों ने एक दूसरे को देखा। दोनों को पहली नजर में ही प्यार हो गया।
अंजलि पेशे से डॉक्टर थीं और मशहूर बिजनेसमैन अशोक मेहता उनके पिता थे। सचिन और अंजलि इसके बाद अपने दोस्त के घर मिले। दोनों में बातें हुईं और फिर 5 साल बाद दोनों ने शादी कर ली। अंजलि अपने पति से 6 साल बड़ी हैं। दोनों ने 5 साल डेट करने के बाद साल 1995 में शादी कर ली थी। दोनों के दो बच्चे सारा और अर्जुन हैं।
जानें क्यों पाकिस्तान की ओर से खेलने उतरे सचिन
ये बात 1987 की है। इसका जिक्र सचिन ने अपनी किताब ‘प्लेइंग इट माई वे’ में किया है। उन्होंने बताया कि उस समय वो इंटरनेशनल मैच नहीं खेले थे और बस 13 साल के थे। पाकिस्तान और भारत के बीच कई मैच होने थे। इससे पहले दोनों देशों में 40-40 ओवरों का प्रदर्शनी मैच खेला जाना था।
मैच के दौरान लंच में पाकिस्तान के अब्दुल कादिर और जावेद मियादाद बाहर चले गए थे। ऐसे में 13 साल के सचिन को पाकिस्तान की ओर से फील्डिंग के लिए मैदान में सब्स्टीट्यूट फील्डर बना दिया गया।
वो मैच में कपिल देव का कैच पकड़ने के लिए दौड़े भी थे लेकिन नहीं पकड़ पाए। इस मैच को भारत ने जीत लिया था। सचिन ने किताब में लिखा है कि उस समय के पाक कप्तान इमरान खान को तो ये बात याद भी नहीं होगी।