यूपी मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पर योगी ने तोड़ी चुप्पी
उत्तर प्रदेश को लेकर चुनावी माहौल गर्म है और हर पार्टी अपने दावेदारों के बारे में सोचने में लगी है। ऐसे में भाजपा से संभावित मुख्यमंत्रियों के नाम में वरुण गांधी, स्मृति ईरानी और योगी आदित्यनाथ जी का नाम सबसे आगे है।
सोशल मीडिया, फैन्स पोल और कई सर्वे हुए जिनसे योगी जी का नाम सबसे ऊपर नज़र आ रहा है। महंत आदित्यनाथ गोरखपुर से बीजेपी के सांसद है और हिन्दू समाज की पहली पसंद भी है। ऐसे में योगी जी ने मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पर अभी तक कुछ नहीं कहा था।
लेकिन हाल ही में हुई बैठक में उन्होंने मीडिया से साफ़ तौर पर कहा कि, “मुख्यमंत्री पद का दावेदार कौन होगा इसका निर्णय संसदीय बोर्ड करेगा और हम सभी को उनका निर्णय सहर्ष स्वीकार होगा। पार्टी का चेहरा कोई भी हो सकता है और फ़िलहाल मै सिर्फ एक कार्यकर्ता हूँ।” योगी जी के वचनों से साफ़ है कि उन्हें सत्ता का लोभ नहीं है और वह सिर्फ पार्टी के हित में कार्य करना चाहतें हैं।
संघ की पहली पसंद हैं योगी आदित्य नाथ
अंदर से जो बात छनकर बाहर आ रही है उसके मुताबिक जिस तरह से यूपी के राजनीतिक दल नए – नए समीकरण बना रहे हैं, उसी के तहत संघ और भाजपा के अंदर भी बहस का दौर शुरु हो गया है। सूत्रों की माने तो संघ से जुड़े संगठन व प्रांत प्रचारकों ने एक स्वर में अजय सिंह से संत बने योगी आदित्यनाथ को यूपी की बागड़ोर देने की मांग संघ प्रमुख मोहन भागवत से की है। सूत्रों का मानना है कि बैठक में संघ प्रमुख ने भी योगी के नाम पर हामी भर दी है। जिसकी घोषणा भाजपा अगस्त के पहले सप्ताह में कर सकती है।
योगी आदित्यनाथ के पांच बडे बयान
1- दादरी हत्याकांड पर योगी ने कहा यूपी कैबिनेट के मंत्री (आजम खान) ने जिस तरह यूएन
जाने की बात कही है, उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए। आज ही मैंने पढ़ा कि अखलाख
पाकिस्तान गया था और उसके बाद से उनकी गति विधियां बदल गई थीं। क्या सरकार ने ये
जानने की कभी कोशिश की कि ये व्यक्ति पाकिस्तान क्यों गया था।