इस बात को लेकर घमंडी हो गए थे राज कपूर, मनोज कुमार ने ऐसे चूर-चूर किया घमंड, होना पड़ा शर्मिंदा
हिंदी सिनेमा के बेहतरीन कलाकारों में स्थान रखने वाले राज कपूर का नाम आज भी बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है. हिंदी सिनेमा में ‘शोमैन’ के नाम से मशहूर हुए राज कपूर ने बॉलीवुड को बहुत कुछ दिया है. वे हिंदी सिनेमा में कपूर खानदान के सबसे चर्चित सितारों में से एक हैं.
राज कपूर सालों पहले इस दुनिया को छोड़ चुके हैं हालांकि उनके योगदानको कभी नहीं भुलाया जा सकता है. एक बेहतरीन अभिनेता होने के साथ ही राज साहब एक शानदार फिल्म निर्देशक और निर्माता भी रहे. वे जिस दर्जे का अभिनय करते थे उनका निर्देशन भी उसी दर्जे का रहा.
कुल मिलाकर फिल्मों में राज कपूर बड़े सफल और लोकप्रिय हुए. उनकी प्रतिभा का लोहा हर किसी ने माना. वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे हालांकि उन्हें शायद इस बात का घमंड भी हो गया था. राज कपूर को यह लगता था कि एक साथ अभिनय और निर्देशन उन्ही के वश में है. कोई दूसरा इन दोनों कामों में एक साथ सफ़ल नहीं हो सकता है.
बता दें कि एक बार राज साहब का यह घमंड तोड़ा था मशहूर अभिनेता मनोज कुमार ने. मनोज कुमार किसी पहचान के मोहताज नहीं है. मनोज कुमार अपने दौर के बड़े अभिनेता रहे हैं. बता दें कि राज कपूर और मनोज कुमार के बीच अच्छा रिश्ता था. राज की तरह ही मनोज ने भी अभिनय के साथ निर्देशन करने का मन भी बनाया था.
राज कपूर और मनोज कुमार के बीच रिश्ते में कई बार गलतफमियां भी हुई थी. एक निर्देशक के रूप में मनोज कुमार ने फ़िल्मी करियर की शुरुआत साल 1967 में की थी. उन्होंने अपनी फिल्म ‘उपकार’ की घोषणा की थी. हालांकि जब इस बात की ख़बर राज को लगी तो उन्होंने मनोज कुमार से कहा कि, ”या तो फिल्म में एक्टिंग कर लो या फिर इसे डायरेक्ट कर लो, क्योंकि हर कोई राज कपूर नहीं होता जो दोनों काम सक्सेसफुली कर ले”.
मनोज को राज की यह बात बुरी लग गई. उन्होंने मन बना लिया कि राज को जवाब देना है. बहुत जल्द ही मनोज कुमार ने राज कपूर का घमंड तोड़ दिया. बता दें कि मनोज कुमार ने न केवल साल 1967 में आई फिल्म ‘उपकार’ में अहम रोल अदा किया था बल्कि उन्होंने इसमें मुख़्य अभिनेता के रूप में भी काम किया था.
उपकार में मनोज कुमार के साथ आशा पारेख और प्रेम चोपड़ा ने काम किया था. बड़े पर्दे पर यह फिल्म सफ़ल रही थी. अदाकारी के साथ ही अब मनोज कुमार निर्देशन में भी हिट हो गए थे. इसके बाद मनोज साहब ने ढेरों शानदार फिल्मों का निर्देशन किया था. उनके निर्देशन में बनी सफ़ल फिल्मों में ‘पूरब और पश्चिम’, ‘क्रांति’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ और ‘शोर’ शामिल हैं.
बड़े पर्दे पर जब मनोज कुमार एक निर्देशक के रूप में भी छा गए तो राज साहब को अपनी कही गई बात का अफ़सोस हुआ. मनोज ने उनका घमंड तोड़ दिया था. इसके बाद मनोज साहब से राज ने कहा था कि, ”उन्हें लगता था कि केवल वो ही खुद के कॉम्पटीशन हैं, लेकिन उन्हें अब पता चला कि उनसे मुकाबला करने के लिए कोई और भी आ गया है”.
मनोज कुमार ने राज कपूर को दिया था ‘कर्मयोगी’ नाम…
राज कपूर फिल्म ‘श्री 420’ देखने के लिए थिएटर में गए थे. इसमें मनोज ने भी काम किया था. तब मनोज 18 साल के थे. थिएटर में कुछ लोगों ने हंगामा मचा दिया जब मंच पर खुद राज साहब आ गए थे और राज की यह बात मनोज को भा गई थी. उन्होंने तब राज को ‘कर्मयोगी’ नाम दिया था.