रक्षासुत्र में बंधें है ये हिन्दु मुस्लिम भाईबहन, सालों से कायम हैं इनका अटूट रिश्ता
राखी भाईबहन को स्नेह के बन्धन में बांधती है ये तो लोक परम्परा है पर इस रीत से अलग इस रक्षासुत्र ने हिन्दु मुस्लिम एकता की मिसाल भी कायम की है। कई हिन्दु मुस्लिम भाई बहनों के बीच रक्षाबन्धन के जरिए ये पाक रिश्ता मुकम्मल हुआ है … किसी हिन्दु बहन ने मुस्लिम भाई की कलाईं से प्यार बांधा है तो कहीं हिन्दु भाईयों ने मुस्लिम बहनों के रक्षा संकल्प लिया है । ऐसे ही कुछ नायाब रिश्तों कि बानगीं पेश है यहां…..Rakshabandhan bond between Hindu Muslim , knot of unity
बुन्देलखंड की मुस्लिम बहनें बांध रही हैं हिन्दु भाईयों को राखी
बुन्देलखंड के बांदा जिले के दर्जनों मुस्लिम परिवारों में बीते दो दशकों से राखी बनाने का पुस्तैनी काम चला आ रहा है। हिन्दु भाईबहनों के लिए रक्षासुत्र तैयार करते ये मुस्लिम परिवार इस स्नेह बन्धन से ऐसे जुङे कि इनके बीच भी पाक रिश्ता मुकम्मल हो गया …और बीते कई सालों से इन परिवार की मुस्लिम महिलाएं, हिन्दु भाई को राखी बांध रही हैं। राखी बनाने के पेशे से जुङी जमीला खातून अपने मुंहबोले हिन्दु भाई को हर साल राखी बांधती हैं और उसके सलामती की दुआ मांगती हैं ।
रायबरेली के कुरैशी परिवार में सालों से हो रही है इस रस्म की अदायगी
रायबरेली के कुरैशी परिवार में रक्षाबन्धन की परम्परा वर्षों से चली आ रही है… परिवार के मुखिया अहमद कुरैशी इस रिश्ते को विरासत मानते हैं और इस रस्म को खानदानी परम्परा। अहमद कुरैशी के पिता अपनी मुंहबोली बहनों से राखी बंधवाते थे और अब अहमद की दो मुहं बोली बहने अंजु यादव और वंदना यादव राखी बांध रही है । अंजु और वंदना से स्नेह के बन्धन में बंधे अहमद के लिए ये उनके परिवार का एक परम्परा के साथ सामाजिक एकता और भाईचारे का पैगाम भी है।
संजोग ने बनाए कुछ अनमोल रिश्तें
वैसे तो भाई बहन के रिश्ते जन्मजात होतें है पर कुछ रिश्तें नियती और संजोग भी बना देते हैं। ऐसा रिश्ता बन पङा है जाहीद का उनकी हिन्दु बहनों से । इलाहाबाद के जाहीद की चार मुंह बोली बहने है और सभी से उनका रिश्ता संयोग से हुआ है । जाहीद बताते हैं कि एक एक्सीडेन्ट में जब गरिमा को चोट लगी तो उन्होनें मदद की और गरिमा और उनकी बहन प्रियंका ने रक्षा करने वाले इस भाई को राखी बांधकर बहन की रस्म निभाई और यूँ कायम हो गया दोनो के बीच ये पाक रिश्ता। गरिमा, प्रिंयका के अलावा भी जाहीद की दो और मुंह बोली बहने हैं मानसी और अलका जिनसे उनका रिश्ता भी रक्षा के संकल्प से जुङा है । मानषी और अल्का को कुछ लङकों की छेङछाङ से बचाकर जाहीद ने जहां अपना भाईचारे का फर्ज निभाया था , वहीं वो दोनों जाहीद को राखी बांधकर बहन का धर्म निभा रही हैं।