उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का राज दोबारा आ गया है। चुनाव जीतकर फिर से बहुमत में लौटी भाजपा सरकार ने विरोधियों को पस्त कर दिया। सरकार बहुमत से जीती है, ऐसे में खुलकर सियासी बैटिंग करने से कोई रोक भी नहीं सकता है। इसी वजह से योगी सरकार अपने पुराने एजेंडे को ही आगे बढ़ाना चाह रही है।
योगी ने पिछली सरकार में कुछ जिलों का नाम बदल दिया था। इस पर काफी बवाल भी हुआ था। इलाहाबाद को प्रयागराज बनाने पर काफी बहस हुई थी। हालांकि योगी सरकार इस विरोध से विचलित ही नहीं हुई। एक बार फिर यूपी के 12 जिलों का नामकरण होने जा रहा है। सरकार ने इसकी तैयारी भी कर ली है।
विवादित रहा है मुगलकालीन नाम बदलना
उत्तर प्रदेश में मुगलकालीन नामों का बदलना काफी विवादित रहा है। इसकी शुरुआत योगी आदित्यनाथ ने अपने ही गढ़ गोरखपुर से कर दी थी। उन्होंने वहां कई इलाकों के मुगलकालीन नामों को बदल दिया था। इनमें मियां बाजार को मायाबाजर तो अलीनगर को आर्यनगर कर दिया गया था।
योगी ने इस बारे में साफ कह दिया था कि ये नाम नहीं बदले जा रहे हैं, बल्कि पुराने नामों को वापस रखा जा रहा है। उनका कहना था कि मुगल आक्रांताओं ने इन नामों को बदल दिया था। इसी वजह से उन्होंने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज कर दिया था। हालांकि इस पर काफी सियासी बवाल भी हो गया था। वहीं फैजाबाद को भी अयोध्या कर दिया गया था।
इन 6 जिलों के प्रस्ताव सरकार को भेजे गए
योगी सरकार के पास अभी 6 जिलों की लिस्ट भी आ गई है, जिनके नाम बदले जाने की मांग हो रही है। इनमें फर्रुखाबाद के सांसद मुकेश राजपूत ने पांचाल नगर करने की मांग की है। वहीं अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ रखने के लिए तो पहले ही प्रस्ताव पारित हो चुका है। सुल्तानपुर का नाम भी कुशभवनपुर रखने का प्रस्ताव जा चुका है।
इसके अलावा वेदों के अध्ययन का केन्द्र रहे बदायूं का नाम बदलने की भी तैयारी है। इसका नाम वेद मऊ रखने का योगी ने कुछ समय पहले इशारा किया था। इसके अलावा फिरोजाबाद को चंद्रनगर बनाने के लिए जिला पंचायत ने 2 अगस्त 2021 को प्रस्ताव पारित किया था। वहीं शाहजहांपुर को शाजीपुर बनाने का सुझाव दिया गया है।
इन जिलों के भी बन रहे प्रस्ताव
इसके अलावा छह अन्य जिले हैं जहां प्रस्ताव बनाए जा रहे हैं। इनमें सपा के गढ़ मैनपुरी को मयानपुरी करने की मांग चल रही है। वहीं संभल जिले को पृथ्वीराज नगर नाम से जानने की मांग की जा रही है। इसके अलावा देवबंद का नाम भी BJP विधायक ब्रजेश सिंह रावत ने देववृंदपुर रखने की मांग पिछले साल ही उठा दी है।
इसके साथ ही गाजीपुर का गढ़ीपुरी नाम रखने की मांग अलका राय कर चुकी हैं। वो कृष्णानंद राय की पत्नी हैं। वहीं कानपुर देहात के रसूलाबाद और सिकंदराबाद और अकबरपुर रनियां के प्रस्ताव भी बन रहे हैं। इसके अलावा आगरा जिले को अग्रवन जिला बनाने का काम भी चल रहा है। इसके पक्ष में अंबेडर विवि साक्ष्य जुटाने के काम में लगा हुआ है।