कुछ लोगों की आदत होती है कि वह जीवन में मेहनत कम करते हैं और भाग्य या भगवान के भरोसे ज्यादा बैठे रहते हैं। लेकिन सच तो ये है कि किसी भी काम में सफलता पाने या मुसीबत से बाहर निकलने के लिए खुद ही हाथ पैर चलाने पड़ते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने भी गीते में हमेशा कर्म करते रहने की सलाह दी है। यह कर्म कितना जरूरी है, इसे हम एक कहानी से समझते हैं।
बाढ़ आई तो पूरा गांव हो गया खाली, बस एक शख्स बैठा रहा
एक समय की बात है। एक गांव में एक लाला प्रसाद नाम का शख्स रहता था। लाला भगवान का बहुत बड़ा भक्त था। दिन रात पूजा पाठ करता रहता था। भगवान पर उसे सौ फीसदी यकीन था। उनके आशीर्वाद के बिना वह कुछ नहीं करता था। एक दिन गांव में बाढ़ आ गई। ऐसे में लोग गांव खाली कर जाने लगे। लेकिन लाला प्रसाद नहीं गया।
लाला ने सोचा कि मैं तो भगवान का परम भक्त हूँ। मुझे कुछ नहीं होगा। मैं ऐसे नहीं भागूँगा। मुझे तो सिर्फ भगवान ही बचाने आएंगे। बाढ़ का पानी धीरे-धीरे बढ़ने लगा। गांव के कुछ लोगों ने उसे अपने साथ सुरक्षित जगह चलने का ऑफर दिया। लेकिन वह बोला कि नहीं जब तक भगवान मुझे बचाने नहीं आते, मैं कहीं नहीं जाऊंगा।
अब बाढ़ का पानी गांव के सभी घरों में घुस गया। लाला प्रसाद के घर भी पानी आ गया। इस बीच एक शख्स नाव लेकर उसके पास आया। बोला नाव में बैठ जाओ नहीं तो डूब जाओगे। लेकिन लाला बोले ‘नहीं, तुम जाओ। मेरी मदद को भगवान आते ही होंगे। मैं यहीं उनका इंतजार करूंगा।’ यह सुन शख्स नाव लेकर चला गया।
अब बाढ़ के साथ तूफान भी आ गया। लाल का पूरा घर पानी से भर गया। अचानक एक पेड़ का तना उसके पास तैरते हुए आया। वह चाहता तो उस तने का सहारा लेकर डूबने से बच सकता था। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। वह भगवान का ही इंतजार करता रहा। अंत में पानी में डूबने से लाला की मौत हो गई।
मारने के बाद लाला स्वर्ग गया। वहाँ भगवान पर नाराज होते हुए पूछा “हे भगवान, मैंने आपकी सारी उम्र इतनी पूजा पाठ की। लेकिन आप मेरी जान बचाने भी नहीं आए। क्यों?” इस पर भगवान बोले “मूर्ख मैं कई बार तेरी जान बचाने आया था। पहले नाव लेकर मैं ही आया था पर तू नहीं आया। वह पेड़ का तना भी मैंने ही भेजा था, लेकिन तूने उसके सहारे बचने की मेहनत नहीं की। इसमें मेरी कोई गलती नहीं है।”
कहानी की सीख
भगवान हमे लाइफ में कई मौके देता है। अब ये हमारे ऊपर है कि हम उन अवसरों का सही मौकों पर सही फायदा उठाए। जब तक आप खुद मेहनत नहीं करेंगे भाग्य और भगवान भी कुछ नहीं कर पाएंगे।