आईपीएस पति के साथ रहने की जिद में महिला जज ने किया कुछ ऐसा, खूब हो रही है चर्चा
अगर मन में संकल्प हो तो कुछ भी किया जा सकता है। बस आपको मन में ठान लेना होता है, फिर मंजिल खुद ही आपको मिल जाती है। आपको बस प्रयास करना होता है। इसके साथ ही खुद पर भरोसा होना भी बहुत जरूरी होता है। तभी आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। फिर किसी तरह की अड़चन नहीं आ सकती है।
आज जिस महिला जज के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, वो इसी संकल्प का जीता जागता उदाहरण हैं। उनको खुद पर विश्वास था और पति के साथ रहने की जिद, इसके बाद उन्होंने ऐसा प्रयास किया जिसके बारे में आप सोचकर हैरान रह जाएंगे। चलिए हम आपको उनके बारे में पूरी जानकारी देते हैं। साथ ही उनका किस्सा भी बताते हैं।
महिला जज यूपी में, पति आंध्र प्रदेश में
ये खबर यूपी में पोस्टेड महिला जज की है। उन्होंने साल 2018 बैच में उप्र न्यायिक सेवा पास की थी। इसके बाद वो सिविल जज बन गई थीं। उनका नाम निकिता सेंगर हैं और उनकी तैनाती हरदोई में हुई थी। वहीं उनके पति ने सिविल सर्विसेज की तैयारी की और उनका सलेक्शन आईपीएस में हो गया।
अब सबसे बड़ी समस्या थी कि दोनों साथ कैसे रहें। पति तुहिन सिन्हा आंध्र प्रदेश में पोस्टेड थे। उनकी तैनाती किसी भी तरह यूपी में नहीं हो सकती थी। इसकी वजह कैडर था जो यूपी के लिए बदल नहीं सकता था। वहीं उनकी पत्नी यानि महिला जज निकिता की तैनाती उत्तर प्रदेश में थी। दोनों साथ-साथ ही नहीं रह पाते थे।
दोनों ने साथ ही की थी पढ़ाई
आपको बता दें कि निकिता और तुहिन दोनों साथ ही पढ़ा करते थे। इन दोनों ने एक साथ ही आईएलएस लॉ कालेज पुणे से पढ़ाई की थी और कानून की डिग्री हासिल की थी। दोनों ने ही बाद में सलेक्शन होने पर एक-दूसरे से शादी करने का फैसला किया। साल 2021 में घरवालों की रजामंदी से दोनों की शादी भी हो गई।
निकिता और तुहिन दोनों के पिता ही अच्छी सेवा में रहे। आरएस सेंगर जो निकिता के पापा हैं वो सहकारिता विभाग में डिप्टी कमिश्नर हैं। दूसरी ओर तुहिन के पिता वीएन सिन्हा हैं जो सेल्स टैक्स में अपर आयुक्त के पद पर तैनात थे। हालांकि वो अब रिटायर हो चुके हैं। वहीं शादी के बाद निकिता और तुहिन के प्यार में बाधा पड़ रहा था कैडर जो अलग-अलग था।
निकिता ने कर दिया कमाल, लोग कर रहे तारीफ
पति के साथ रहने की जिद में निकिता ने कमाल कर दिया। अब लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं। दरअसल निकिता ने पति के साथ रहने के लिए आंध्र प्रदेश में ही जज बनने का फैसला कर लिया। ये राह इतनी आसान नहीं थी क्योंकि इसके लिए पहले उनको तेलगू सीखनी थी। निकिता ने नौकरी के साथ ही सामंजस्य बैठाया और तेलगू सीखनी शुरू कर दी।
इसके बाद उन्होंने तेलगू सीख भी ली। फिर आंध्र प्रदेश में न्यायिक सेवा के लिए निकिता ने आवेदन किया। इसके बाद परीक्षा दी औऱ जब रिजल्ट आया तो सब खुश हो गए। निकिता पहली ही कोशिश में आंध्र प्रदेश में जज बन गई। उन्होंने परीक्षा में चौथी रैंक हासिल की। अब वो यूपी में जज की सेवा से इस्तीफा देकर आंध्र प्रदेश में जज बनने जा रही हैं।