‘रोज स्कूल जाना…अच्छी बेटी बनना’ बेटी से ये आखिरी बातें कहकर शहीद हो गया बिहार का लाल
आतंकी हमलों ने कितनी जिन्दगियां और घर उजाड़ दिए हैं, इसका अंदाजा किसी को नहीं है। एक जवान शहीद होता है लेकिन उसका पूरा परिवार उजड़ जाता है। कुछ ऐसा ही बिहार में हुआ है। यहां का लाल देश की सेवा के लिए कश्मीर में तैनात था। हालांकि घात लगाकर आतंकियों ने उनको शहीद कर दिया।
उनकी शहादत की खबर जैसे ही घर में पहुंची तो वहां कोहराम मच गया। बस उनकी मासूम बेटी को कुछ भी नहीं पता था। उसे तो लग रहा था कि पापा ने सुबह ही बोला था कि अच्छी बेटी बनना और रोज स्कूल जाना। अब पाप शाम को फिर फोन करेंगे। उसे क्या पता कि अब पापा का फोन कभी नहीं आएगा।
श्रीनगर में आतंकी हमले में शहीद हुए विशाल
जम्मू कश्मीर में आतंकी एक बार फिर सिर उठा रहे हैं। वो घात लगाकर सेना के जवानों और कश्मीरी पंडितों पर हमला कर रहे हैं। उनके हमले का शिकार बिहार के लाल विशाल कुमार भी हो गए और शहीद हो गए। सोमवार को श्रीनगर में आतंकवादियों ने सीआरपीएफ की टुकड़ी पर हमला बोल दिया था।
इसी टुकड़ी में विशाल भी शामिल थे। आतंकियों ने छिपकर पूरी टुकड़ी पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। हमले में दो जवान घायल हुए थे लेकिन विशाल शहीद हो गए थे। मंगलवार को ससम्मान उनका पार्थिव शरीर पटना लाया गया था। यहां से फिर शरीर को मुंगेर पहुंचाया जाना था। उनके घर में शहादत की खबर मिलते ही मौत का सन्नाटा छा गया।
दो बेटियों के पापा थे विशाल
विशाल कुमार नाकी गांव के निवासी थे। उनके पिता रेलवे कर्मचारी थी। उनके पिता 112 साल के थे जिनका नाम सरयुग मंडल था। उनके चार भाई थे जिनमें वो सबसे छोटे थे। साल 2003 में उनको सीआरपीएफ में नौकरी मिल गई थी। नौकरी के 6 साल बाद उनकी शादी बबीता कुमारी से हुई थी।
साल 2009 में शादी के बाद उनकी दो बेटियां हुई थीं। बड़ी बेटी सात साल की है जिसका नाम बिहू है। वहीं छोटी बेटी 4 साल की है जिसका नाम सृष्टि कुमारी है। विशाल दोनों बेटियों को अकेला छोड़कर जा चुके हैं। छोटी बेटी को तो अभी समझ नहीं है लेकिन बड़ी बेटी अपने पापा का इंतजार कर रही है।
बिहू से विशाल ने घटना वाले दिन सुबह ही बात की थी। उन्होंने अपनी बेटी से कहा था कि रोज स्कूल जाना और अच्छी बेटी बनना। अब बिहू अपने पापा के फोन के इंतजार में ही बैठी रहती है। वो कहती है कि पापा ने सुबह ही फोन किया था। अब वो फिर शाम को फोन करेंगे। हालांकि घर वाले भी उसको समझा नहीं पा रहे हैं।
होली पर घर आए थे विशाल
उनकी पत्नी विशाल की शहादत की खबर सुनकर शोक में डूबी हुई हैं। उनको समझ ही नहीं आ रहा है कि अब वो किसके सहारे जिन्दगी जी सकेंगी। दोनों बेटियों को कौन पालेगा और आगे क्या होगा। उन्होंने बताया कि विशाल होली पर घर आए थे। उन्होंने अच्छे से होली मनाई थी। इसके बाद 25 मार्च को वापस कश्मीर रवाना हो गए थे।
पत्नी का रोते हुए बुरा हाल हो गया है। उन्होंने बताया कि पिछले साल ही पति ने जमीन ली थी। उसपर मकान भी बनवा रहे थे बस छत ढलनी बाकी रह गई थी। अब उनका कहना है कि हम लोगों का पूरा घर ही उजड़ गया। विशाल के भाई ने भी बताया कि होली पर जब वो आए थे तो बिटिया का प्रवेश क्यू मैक्स पब्लिक स्कूल में करवाया था।