समृद्धि जाने और गरीबी का साया पड़ने से पहले दिखता है यह प्राकृतिक संकेत, जानें!
जीवन में सभी को धन-दौलत की आवश्यकता होती है। बिना इसके आज के समय में आप कुछ भी नहीं कर सकते हैं। आज के समय में हर एक चीज पैसे से ही मिलती है। ऐसे में जीवन यापन करने के लिए आपके पास पैसों का होना बहुत जरुरी होता है। कुछ लोगों के ऊपर माँ लक्ष्मी की कृपा हमेशा ही बनी रहती है, जबकि कुछ लोगों को अपना जीवन गरीबी में जीना पड़ता है। जिन लोगों के पास काफी दहन-दौलत होता है, ऐसा नहीं कि वह जीवनभर अमीर ही रहें।
नहीं होती थी जनता को कोई परेशानी:
वह कभी भी गरीब हो सकते हैं। लेकिन जब आपकी समृद्धि जाती है तो उससे पहले कुछ संकेत मिलते हैं। इस कहानी को पढ़ने के बाद आप सब समझ जायेंगे। प्राचीनकाल में एक बहुत ही अच्छा राजा रहा करता था। जब उसके प्रजा को कोई परेशानी होती थी तो वह तुरंत ही उसके निदान में लग जाता था। एक बार वह जंगल में जानवरों का शिकार करने के लिए गया। जानवरों की तलाश करते-करते उसे काफी समय हो गया। एल्किन कोई जानवर नहीं मिला। वह थक गया और उसे प्यास लग गयी।
एक बुढ़िया बैठी हुई थी अपने गन्ने के खेत के पास:
जंगल से थोड़ी दूरी पर उसे एक गाँव दिखाई दिया। जब राजा गाँव के पा गया तो उसनें देखा कि एक बुढ़िया अपने गन्ने के खेत के पास बैठी हुई है। राजा बुढ़िया के पास गया उअर बोला, ‘माई मैं बहुत ही प्यासा हूँ, मुझे एक गिलास पानी पिला दो’। बुढ़िया ने उठकर एक गन्ना तोडा और उसका रस निकालकर राजा को पिने के लिए दे दिया। राजा झट से पिया गया और पिने के बाद बोला, माई अभी इससे प्यास नहीं गयी एक गिलास और दे दो। बुढ़िया फिर से रस निकालने लगी।
राजा ने सोचा अब से लगाऊंगा इसके ऊपर कर:
यह देखकर राजा के मन में आया कि बुढ़िया का खेत तो बहुत ही उपजाऊ है और एक गन्ने से एक गिलास रस निकाल रहा है। लेकिन बुढ़िया लगान नहीं देती होगी। कौतुहल वश राजा पुच ही बैठा, माई इस खेत का कितना लगान देती हो। बुढ़िया ने यह सुनकर कहा कि हमारा राजा बहुत ही दयालु है, वह हमसे लगान नहीं लेता है। ऐसा उत्तर पाकर राजा सोच में पड़ गया कि बुढ़िया सच में बहुत चालाक है। सारा का सारा मुनाफा खुद ही ले जाती है। अब से इसके ऊपर कर लगाया जायेगा।
नियत ख़राब हो जाए तो जाने लगती है समृद्धि:
इसी बीच बुढ़िया ने एक गन्ना तोड़ा, उसके बाद उसने दूसरा और तीसरा भी तोड़ा और रस निकालने की कोशिश की लेकिन गिलास नहीं भरा। राजा यह देखकर हैरानी में पड़ गया। उसनें बुढ़िया से पूछा, माई यह क्या हुआ? पहले तो एक ही गन्ने से पूरी गिलास भर गयी थी, इस बार तीन गन्नों से भी गिलास नहीं भरी, क्यों?। बुढ़िया ने कहा कि ऐसा लगता है कि हमारे राजा की नियत में खोट आ गयी है। बुढ़िया की बात सुनकर राजा समझ गया कि अगर किसी की नियत ख़राब हो जाए तो कुदरत का संकेत यही होता है कि उसके पास से समृद्धि जाने लगती है।