आयकर विभाग ने नोटबंदी के समय हुए 1000 करोड़ रूपये के घोटाले का किया पर्दाफाश!
नई दिल्ली: नोटबंदी पीएम मोदी के राज में देश की सबसे बड़ी घटना थी। इस दौरान 500 और 1000 के सभी पुराने नोटों को चलन के लिए बंद कर दिया। उसके जगह सरकार ने नए 2000 और 500 के नोट निकाले। उस दौरान लोगों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। लेकिन लोगों ने पीएम मोदी के इस कदम का जमकर स्वागत किया। औए काले धन की लड़ाई में उनका साथ दिया।
घोटाले में शामिल हैं सहकारी ऋण समितियों के अधिकारी:
कुछ लोग यह भी कहते रहे कि इस दौरान जमकर घोटाला हुआ है। लेकिन इस बात को सिद्ध नहीं किया जा सका। अभी हाल ही में आयकर विभाग ने नोटबंदी के समय हुए 1000 करोड़ रूपये के घोटाले से पर्दा उठाया हैइस बड़े घोटाले में सहकारी ऋण समितियों में अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। पता चला है कि इन समितियों ने नोटबंदी के दौरान बैंक में भारी रकम जमा करवाई थी। आयकर विभाग के अनुमान के अनुसार इन सभी विभागों ने पिछले साल नवम्बर और दिसंबर में 1000 करोड़ रूपये की चोरी की थी।
आँकड़ों की जाँच के दौरान घोटाला आया सामने:
आपको बता दें नोटबंदी के 50 दिन बाद वाणिज्यिक बैंकों द्वारा वित्तीय लेन-देन के जमा करवाए आँकड़ों की जाँच के बाद यह घोटाला सामने आया है। जानकारी मिलने के बाद आयकर विभाग ने देश के लगभग 2 दर्जन सहकारी ऋण समितियों की तलाशी ली। इन समितियों के सदस्यों और जमाकर्ताओं की भी जाँच की गयी। यह कार्यवाई मुख्य रूप से मुंबई, दिल्ली, गुजरात और कोलकाता में की गयी।
नोटबंदी के दौरान लगभग 200 किये थे लेन-देन:
सूत्रों के मुताबिक देश के विभिन्न बैंकों की शाखाओं में मौजूद इन समितियों ने अपने खाते में भारी रकम जमा करवाई थी। उसके बाद इस पैसे को रियल टाइम ग्रास सैटलमेंट के जरिये कई दुसरे लोगों के बैंक खाते में जमा करवाया गया। आँकड़ों के अनुसार इन समितियों ने नोटबंदी के दौरान इस तरह से लगभग 200 लेन-देन किये थे। जब आयकर विभाग ने इन समितियों के अधिकारीयों और कर्मचारियों के घर की तलाशी लेनी शुरू की तो वहाँ से काफी जानकारी मिली।
आरबीआई को सौंपी गयी आयकर विभाग द्वारा रिपोर्ट:
तलाशी के दौरान कई जरुरी दस्तावेज मिले जो सोने के आभूषण, विनिर्माण, और प्रॉपर्टी का कारोबार करने वालों से ताल्लुक रखते थे। आयकर विभाग के अधिकारी उन लोगों के खातों के बारे में पता लगा रहे हैं, जो जाँच के दौरान मिले थे। एक अधिकारी ने यह भी कहा कि समिति ने बैंक के “के. वाय. सी.” की भी जमकर धज्जियाँ उड़ाई थी। आयकर विभाग ने इन ऋण समितियों के जुड़े ब्यौरे की जाँच के लिए आरबीआई को भी रिपोर्ट भेज दी है।