सामने आई भारत की पहली हाइड्रोजन कार, धुएं की जगह पानी छोड़ने वाली गाड़ी में संसद पहुंचे गडकरी
भारत की गिनती इन दिनों पूरी दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों में होने लगी है। इसी वजह से ये काफी चिंता का विषय हो गया है। इसके साथ ही देश में तेजी से ऊपर जाती पेट्रोल और डीजल की कीमतों ने भी लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। हालांकि अब आपको दोनों ही समस्याओं से निजात मिलने वाली है।
भारत की पहली हाइड्रोजन कार सामने आ गई है। अब तक आप कागजों पर ही इस कार के बारे में पढ़ते होंगे। अब ये कार भारत की हकीकत बनने जा रही है। संसद के सामने ये कार रुकी तो इस पर सवारी करते नजर आए केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी। उन्होंने इस कार को भारत का भविष्य करार दिया है।
संसद पहुंचे नितिन गडकरी, देखने के लिए लग गई लाइन
भारत की सड़कों पर अब आपको गाड़ियों से धुएं की जगह पानी निकलता हुआ दिखाई देगा। हाइड्रोजन कार सामने आ चुकी है। इसकी सवारी नितिन गडकरी ने की। वो इस कार पर सवार होकर संसद तक पहुंचे थे। जैसे ही वो कार से उतरे, इसको देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई।
नेता भी इस कार से आकर्षित हुए बिना नहीं रह सके। वो इस कार के बारे में जानना चाह रहे थे। नितिन गडकरी ने कहा कि ये कार भारत का फ्यूचर है। उन्होंने कहा कि इस कार के देश की सड़कों पर आने के बाद प्रदूषण पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। कार से धुआं नहीं निकलता है, इसलिए प्रदूषण नहीं फैलता है।
टोयोटा कंपनी ने बनाई है खास कार
इस कार को टोयोटा कंपनी ने बनाया है। ये कंपनी का पायलट प्रोजेक्ट है। इस बारे में गडकरी पहले भी कई बार जिक्र कर चुके हैं। इस कार में लगे एडवांस फ्यूल सेल ऑक्सीजन और हाइड्रोजन के मिश्रण से बिजली पैदा करते हैं। इसी बिजली से ये कार सड़कों पर फर्राटा भरती है। कार धुएं की जगह पानी छोड़ती है।
इंडियन मार्केट में हाल ही में टोयोटा कंपनी ने अपनी हाइड्रोजन कार ‘मिराई’ लॉन्च की थी। इस कार को भी गडकरी ने ही लॉन्च किया था। उन्होंने कार को भारत का भविष्य बताया था। वैसे उन्होंने ऐसा यूं ही नहीं कहा था। दरअसल जापानी भाषा में मिराई शब्द का अर्थ भविष्य होता है। ये कार भी भारत का भविष्य है।
जानें कैसे काम करती है यह कार
कार की तकनीक की बात करें तो ये हाइड्रोजन बेस्ट फ्यूल सेल पर काम करती है। इसे कंपनी ने विकसित किया है। वैसे तो ये भी एक इलेक्ट्रि गाड़ी ही है लेकिन ये अपने लिए बिजली खुद बनाती है। पहले इसके फ्यूल टैंक से हाइड्रोजन की सप्लाई की जाती है। फिर ये कार हवा की ऑक्सीजन को खींचती है।
जब दोनों ही गैसों का मिलन अंदर होता है तो इनके बीच रिएक्शन से एक तरफ पानी बनता है। वहीं दूसरी तरह बिजली बनती है जो कार को आगे बढ़ाती है। वहीं पानी इसके साइलेंसर से बाहर निकल जाता है। इस तरह ये फर्राटा भरती जाती है। नितिन गडकरी इस हाइड्रोडन कार की और इसकी तकनीक की पहले ही तारीफ कर चुके हैं।