टीम योगी ने सबको चौंकाया: स्कूटर मैकेनिक को बना दिया मंत्री, बुनकर के बेटे की भी लग गई लॉटरी
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने फिर से सत्ता संभाल ली है। 25 मार्च को इकाना क्रिकेट स्टेडियम में योगी आदित्यनाथ का शपथ ग्रहण समारोह मनाया गया। इस समारोह में पीएम मोदी से लेकर देश के बड़े नेता और कई राज्यों के सीएम भी मौजूद रहे। सभी लोग योगी की ताजपोशी का गवाह बने।
वहीं इस बार योगी की टीम कैसी होगी, इस बारे में चर्चा तो खूब चल रही थी। हालांकि किसी को भनक तक नहीं लगी कि आखिर योगी की टीम में कौन-कौन लोग शामिल होंगे। जब टीम योगी की घोषणा की गई तो हर कोई हैरान हो गया। कहीं मैकेनिक को मंत्री पद दे दिया गया तो कहीं बुनकर के बेटे की भी लॉटरी लग गई।
योगी की टीम ने किया हैरान
इस बार योगी की टीम ने सबको हैरान कर दिया। दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं के साथ सीएम योगी का लंबा मंथन चला था। इसी दौरान कई नामों पर चर्चा हुई। इसके बाद जाकर जो नाम हर समीकरण के हिसाब से फिट बैठे, उनको मंत्री पद मिल गया। कई नाम तो ऐसे हैं जिनको चुनाव ही नहीं लड़वाया गया था।
वहीं कुछ बड़े नेता जो अपनी कुर्सी फाइनल मानकर चल रहे थे, उनको भी झटका लग गया है। इनमें सबसे बड़े दो चेहरे आशुतोष टंडन और दिनेश शर्मा हैं। आशुतोष लखनऊ पूर्वी से जीतकर विधायक भी बने हैं, जबकि दिनेश शर्मा तो डिप्टी सीएम रह चुके हैं। दोनों ही नेताओं का पत्ता कटना हैरान करने वाला कदम है।
बुनकर के बेटे की लगी लॉटरी
योगी ने कई नेताओं को मंत्री पद देकर चौंका दिया है। इनमें सबसे बड़ा नाम दानिश अंसारी का है। दानिश को मंत्रीपद मिलने पर सभी हैरान हैं। उनके पिता बुनकर हैं जो साड़ियां बुनने का काम करते हैं। योगी ने बेहद साधारण परिवार के दानिश को मंत्री मंडल में शामिल कर सबका साथ सबका विश्वास हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
आपको बता दें कि दानिश एबीवीपी से जुड़े हुए हैं। वो काफी समय से भाजपा के सक्रिय सदस्य हैं। बीजेपी ने उनको पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश महामंत्री का पद दिया हुआ है। उन्होंने अपनी पढ़ाई बलिया और लखनऊ से की है। भाजपा ने उनको मंत्री बनाकर बड़ा दांव खेला है क्योंकि वो दलित समाज से आते हैं।
मैकेनिक को भी मिला मंत्री पद
दूसरी ओर मैकेनिक को भी योगी ने मंत्री बना दिया। सीतापुर सीट से चुनाव में विजयी होकर आए राकेश राठोर गुरु का पेशा मैकेनिक है। उनका राज्यमंत्री बनने का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। आपको बता दें कि वो 40 साल पहले सीतापुर आए थे। यहां पर उन्होंने एक लकड़ी की गुमटी से स्कूटर बनाने की शुरुआत की थी। वो इसी काम में लगे हुए थे।
10 साल तक वो मैकेनिक का काम करते रहे। इसके पास उन्होंने शहर कोतवाली के पास बैटरी की दुकान खोली। बस यहीं से उनकी किस्मत का सिक्का पलट गया। उनका बैटरी कारोबार खूब चमकने लगा। अपनी किस्मत आजमाने वो विधानसभा चुनाव में उतर गए और भाजपा ने उनको टिकट भी दे दिया। उनकी जीत ने सबको चौंका दिया। अब वो भी मंत्री बनाए गए हैं।