The Kashmir Files फिल्म की चर्चा इन दिनों पूरे देश में हो रही है। कोई फिल्म की कहानी को लेकर बात कर रहा है, तो कोई फिल्म की कमाई के बारे में जिक्र कर रहा है। फिल्म सफलता के नए झंडे गाड़ते जा रही है। हालांकि सफलता के साथ ही इस मूवी से विवाद भी जुड़ते जा रहे हैं जो कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं।
The Kashmir Files को लेकर कभी कोई नेता बयानबाजी करता है तो कभी कोई अफसर ही इस फिल्म की कहानी को निशाना बनाने लगता है। कुछ ऐसी टिप्पणी कर रहे थे आईएएस अफसर नियाज खान जो मध्य प्रदेश काडर के हैं। हालांकि उनकी टिप्पणी अब उनको भारी पड़ गई है। शिवराज सिंह की सरकार ने बड़ा एक्शन ले लिया है।
सफलता के साथ विवाद भी
विवेक अग्निहोत्री की इस फिल्म में कश्मीरी पंडितों का दर्द दिखाया गया है। पहली बार उनके साथ हुए अत्याचार को रुपहले पर्दे पर बेबाकी के साथ दर्शाया गया है। इसी वजह से फिल्म की काफी तारीफ हो रही है। वहीं फिल्म के साथ विवाद भी जुड़ते जा रहे हैं। शिवसेना नेता संजय राउत ने तो फिल्म की कहानियों को झूठा ही करार दे दिया।
वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश भी बोले कि लखीमपुर कांड पर फिल्म बनानी चाहिए। हालांकि फिल्म को देखकर पीएम मोदी ने तारीफ की थी। वहीं ये मूवी देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सफलता के झंडे गाड़ रही है। अमेरिका में ही इस मूवी को चार गुना ज्यादा सिनेमाघरों में दिखाया जाने लगा है।
जानें क्या बोले थे नियाज खान
आईएएस नियाज खान इस समय मध्य प्रदेश में तैनात हैं। उन्होंने The Kashmir Files फिल्म को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि द कश्मीर फाइल्स फिल्म के बाद उन घटनाओं पर भी मूवी बननी चाहिए, जिनमें मुसलमानों की हत्या हुई है। उनकी इस टिप्पणी पर भाजपा नेताओं ने आपत्ति जताई थी।
वहीं नियाज खान सोशल मीडिया पर फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री के भी आमने सामने आ गए थे। उन्होंने विवेक को सलाह दे डाली थी कि फिल्म की कमाई कश्मीरी पंडितों के भले के लिए खर्च कर दें। उनकी इस टिप्पणी पर विवेक ने भी जवाब दिया था और उनसे मिलने का समय मांगा था। दोनों के बीच फोन पर बात भी हुई थी और आईएएस ने उनको मिलने का समय भी दे दिया था।
जानें शिवराज सरकार का एक्शन
नियाज खान को फिल्म पर टिप्पणी करना भारी पड़ गया है। शिवराज सिंह की सरकार ने उनके खिलाफ बड़ा एक्शन ले लिया है।आईएएस को गुरुवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने नोटिस भेज दिया। नोटिस में शिवराज सरकार ने सिविल सेवा आचरण नियमों के उल्लंघन को आधार बनाया है। सरकार ने उनसे 7 दिन में जवाब मांगा है।
नियाज खान की टिप्पणी का पहले ही सरकार और पार्टी के भीतर विरोध हो रहा था। भाजपा के कुछ बड़े नेता और मंत्री उनकी टिप्पणी से नाराज दिख रहे थे। वहीं चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी उनको लेकर नाराजगी जता चुके थे। इसके साथ ही गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तो उनको लक्ष्मण रेखा लांघने वाला बता दिया था।