जब शहीद भगत सिंह के भाई से मिलकर ख़ूब रोए थे अजय देवगन, इस बात को सुनकर भर आया था एक्टर का दिल
शहीद-ए-आज़म भगत सिंह (Shaheed e Azam Bhagat Singh) की गिनती देश के वीर सपूतों में होती है. अपने देश के लिए भगत सिंह ने हंसते-हंसते फांसी का फंदा चूम लिया था. दशकों पहले भगत सिंह शहीद हो गए थे हालांकि उनके योगदान को देश कभी भूल नहीं पाएगा.
जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक भगत सिंह का नाम गूंजता रहेगा. इस बात से हर कोई अच्छे से परिचित है कि उन्होंने महज 23 साल की अल्पायु में ही भारत माता के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी थी. वे कहते थे कि मैं गुलामों की तरह जीना नहीं चाहता. इससे अच्छा तो मरना है.
भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पाकिस्तान के बांगा में हुआ था. वहीं 23 मार्च 1931 को 23 साल की उम्र में वे शहीद हो गए थे. उनके साथ ही इस दिन देश के दो और वीर सपूतों सुखदेव थापर (Sukhdev Thapar) और शिवराम हरि राजगुरु (Shivram Hari Rajguru) को भी अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी दे दी थी.
भगत सिंह के जीवन से हम सभी को काफी कुछ सीखने को मिलता है. भगत सिंह के जीवन के बारे में फिल्मों के माध्यम से भी जानकारी दी गई. शहीद भगत सिंह पर कई फ़िल्में बनी है. वहीं एक फिल्म में अजय देवगन ने भी काम किया था और अजय देवगन ने भगत सिंह का किरदार निभाया था.
अजय देवगन द्वारा अभिनीत इस फिल्म का नाम है ‘द लीजेंड ऑफ़ भगत सिंह’. इस फिल्म में शहीद भगत सिंह का किरदार अजय देवगन ने अदा किया था. यह फिल्म साल 2002 में प्रदर्शित की गई थी और इसे काफी पसंद किया गया था. फ़िल्मी दुनिया में जब भी भगत सिंह को याद किया जाता है तो सबसे पहले अजय देवगन का चेहरा ही उभरकर सामने आता है.
अजय ने इस तरह से भगत सिंह के किरदार को निभाया था कि फिर हर कोई उन्हें भगत सिंह के रूप में देखने लगा था. बता दें कि इस फिल्म के दौरान अजय की भगत सिंह के छोटे भाई कुल्तार सिंह से भी मुलाक़ात हुई थी. अजय ने अपने एक साक्षात्कार में इस मुलाकात का जिक्र किया था.
अजय ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि कुल्तार सिंह फ़िल्म यूनिट के साथ पुणे में ही रुके थे. सिंह ने शहीद-ए-आज़म से जुड़ी कई अहम जानकारियां शेयर की जिससे फ़िल्म बनाने में मदद मिली. तब किसी ने उनसे मुझे आशीर्वाद देने के लिए कहा था तो उन्होंने कहा कि, ”मैं अपने बड़े भाई को आशीर्वाद कैसे दे सकता हूं? मैं अपने आंसू रोक नहीं पाया”.
भगत सिंह के जीवन पर ये फ़िल्में भी बनी…
वीर भगत सिंह के जीवन पर ‘द लीजेंड ऑफ़ भगत सिंह’ के अलावा और भी कई फ़िल्में बनाई गई. सबसे पहले भगत सिंह के जीवन पर आधारित फिल्म थी ‘शहीद-ए-आज़म भगत सिंह’. यह फिल्म साल 1954 में प्रदर्शित हुई थी. इसमें भगत सिंह के किरदार में देखने को मिले थे प्रेम अदीब.
फिर शम्मी कपूर बने ‘भगत सिंह’…
साल 1954 के करीब 9 साल बाद भगत सिंह के जीवन पर आधारित एक और फिल्म आई. फिल्म का नाम रखा गया ‘शहीद भगत सिंह’. इसमें भगत सिंह का किरदार अदा किया था दिवंगत और दिग्गज़ अभिनेता शम्मी कपूर ने.
1965 में मनोज कुमार बने भगत सिंह…
फिर साल 1965 में भगत सिंह के जीवन पर एक और फिल्म बनी. नाम था ‘शहीद’. इस बार भगत सिंह बनने का मौक़ा मिला दिग्गज़ अभिनेता मनोज कुमार को.
2002 में ‘द लीजेंड ऑफ़ भगत सिंह’ के साथ आई ‘शहीद-ए-आज़म’…
साल 2002 में ‘द लीजेंड ऑफ़ भगत सिंह’ के साथ ही एक और फिल्म भगत सिंह के जीवन पर आई. जिसका नाम था ‘शहीद-ए-आज़म’. इसमें सोनू सूद भगत सिंह बने थे. इन फिल्मों के अलावा और भी कुछ फ़िल्में भगत सिंह के जीवन पर बनी है.