नाडीमर्ग में 24 कश्मीरी हिंदुओं की चिताओं के बीच गाई गई ‘स्वामी दुख बिनसे मन का…:VIDEO
फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने कश्मीर हिंदुओं के साथ हुए वीभत्स अत्याचार को सामने ला दिया है। हिंदुओं पर हुए इन अत्याचार को कश्मीर के अलगाववादी नेता और वहां राज करने वाली पार्टियों ने भरसक छुपाने की कोशिशी की। वे अपनी इस कोशिश में काफी कामयाब भी हुए। अपने प्रोपेगेंडा और दुष्प्रचार के माध्यम से उन्होंने पूरी दुनिया को दिखाया की कश्मीर में मुसलमानों के साथ अत्याचार हो रहा है, जबकि असलियत ये थी कि पाकिस्तानी नशे में चूर इन कश्मीरी मुसलमानों ने 1947 से ही कश्मीरी हिंदुओं पर जुल्म ढाना शुरू कर दिया था।
इन्होंने इन हिंदुओ पर इतने अत्याचार ढाये कि जिस घाटी की आबादी में हिंदुओं की आबादी 15 फीसदी से ज्यादा थी आज वो प्रतिशत दशमलव में पहुंच गया है। द कश्मीर फाइल्स रिलीज होने के बाद कश्मीरी हिंदुओं पर हुए अत्याचार पर से पर्दा हटना शुरू हो गया है। अब ऐसी एक और घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिसमें नरसंहार के शिकार 24 हिंदुओं के अंतिम संस्कार के समय दहशत में आए हिंदुओं को जब कुछ नहीं समझ में आया तो भगवान से प्रार्थना के लिए लिए उनके घरों में रोज गाई जाने वाली आरती ही गाने लगे। इस दृश्य को देखकर आपका दिल रो पड़ेगा। क्या है पूरा मामला आपको आगे बताते हैं।
अगर आप ट्विटर पर हैं तो आपने जरूर देखा होगा कि जब से द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) फिल्म रिलीज हुई है, एक अलग ही डिबेट छिड़ी हुई है। एक तरफ वो लोग हैं जो कश्मीरी पंडितों के दर्द को महसूस करते हुए एकजुटता दिखा रहे हैं, तो दूसरी तरफ इसकी प्रासंगिकता या एक भी मुस्लिम पॉजिटिव किरदार न दिखाने के सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर न जाने कितने हैशटैग इस फिल्म के इर्दगिर्द ट्रेंड रहे हैं। आज की युवा पीढ़ी को 32 साल पहले के उस नरसंहार की कहानी ने गम और गुस्से से भर दिया है। वे अब किताबों और यूट्यूब पर कश्मीरी पंडितों के बारे में ज्यादा जानकारी जुटा रहे हैं। इन सबके बीच, कश्मीरी पंडितों को लेकर कई पुराने वीडियो भी सोशल मीडिया पर आ रहे हैं।
23 मार्च 2003 का वीडियो सामने आया
कश्मीरी हिंदुओं पर अत्याचार का ऐसा ही एक वीडियो 19 साल पहले यानी 23 मार्च 2003 का सामने आया है। 37 सेकेंड के वीडियो को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कश्मीरी पंडित किस दर्द से होकर गुजरे हैं।
दिल दहलाने वाला मंजर
तुम कहां चले गए…. महिलाएं फफकती दिखाई देती हैं, लोग एक-एक शव को कंधे पर ले जाते दिखते हैं। ऊंचाई पर लोगों के इकट्ठा होने का मंजर समझ में आता है। एक अजीब सा मातम सुनाई देता है, जो रूह कंपा दे। दरअसल, 1990 में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार का सिलसिला 13 साल बाद भी खत्म नहीं हुआ था। ये तस्वीरें उस खौफनाक नाडीमर्ग हत्याकांड की हैं, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने 24 हिंदू कश्मीरी पंडितों की हत्या कर दी थी।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के नाडीमर्ग गांव में जिस समय 24 चिताओं को अग्नि दी गई। वहां मौजूद हर शख्स थम सा गया। वो दर्द आज तक कश्मीरी पंडितों के दिलों से गया नहीं है। फिल्म द कश्मीर फाइल्स में भी आखिर में एक साथ 24 कश्मीरी पंडितों को खड़ा कर गोली मारने का दृश्य फिल्माया गया है।
जब अंतिम संस्कार में लोग आरती गाने लगे
वीडियो देखिए, तो एक साथ पड़े शवों पर सफेद कफन दिखाई देते हैं। अंतिम संस्कार से पहले परिजन अपनों को आखिरी बार देख रहे होते हैं। वे रोते जाते हैं, कफन उठाकर अपने जिगर के टुकड़ों को निहारते हैं। लोग उन्हें संभालने की कोशिश करते हैं लेकिन यह तो दुखों का पहाड़ था जो कश्मीरी पंडितों पर टूट पड़ा था।
दहशत और डर का ऐसा माहौल की लोग अपने लोगों को ठीक से अंतिम संस्कार भी नहीं कर पा रहे थे। विधिवत अंतिम संस्कार करने के लिए उनके पास ना समय था, ना जज्बा लेकिन फिर भी उन्होंने किसी तरह हिम्मत जुटाई और किसी तरह लकड़ी इकट्ठा की गई और और परिजनों ने सामूहिक रूप से मुखाग्नि दी। जिंदा लोगों का दिल इस कदर टूट गया था उन्हें ईश्वर के अलावा कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
जब एक साथ 24 चिताओं ने जलना शुरू किया तो भगवान से प्रार्थना के लिए जब कुछ नहीं समझ आया तो वहां मौजूद महिलाओं और पुरुषों ने घरों में रोज सुबह-शाम पूजा के समय गाई जाने वाली आरती गाना शुरू कर दिया और आसमान- ओम जय जगदीश हरे…. स्वामी दुख बिनसे मन का….की आरती से गुंज गया। लोग रो रहे थे और आरती गाये जा रहे थे, उनका इंसानों पर से भरोसा उठ चुका था, उन्हें लग रहा था जिन इंसानों के साथ उन्होंने सदियों तक साथ-साथ जीवन जिया जब उन्होंने ने ही साथ छोड़ दिया तो अब तो भगवान ही हमें बचा सकता है।
The prayer by Kashmiri Hindus at the funeral pyre of 24 Kashmiri Pandits killed in the Nadimarg massacre 19 years ago. Goosebumps. @narendramodi pic.twitter.com/9Pf5aej3Lf
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) March 23, 2022
इस सामूहिक अंतिम संस्कार की तस्वीर उन लोगों को देखनी चाहिए, जो ट्विटर पर कश्मीरी पंडितों के साथ हुई निर्ममता पर ‘दूसरा ऐंगल’ ढूंढ रहे हैं। खासकर भारत में रहने वाले वे तथाकथित लिबरल लोग जिन्हें हिंदुओं पर हुए अत्याचार जल्दी दिखाई नहीं पड़ते।
इस वीडियो आखिर के कुछ सेकेंड में अजीब सी कड़कड़ाहट ऐसे लगती है जैसे अंतिम सफर पर जाती वो आत्माएं भी विलाप कर रही हों। यह वीडियो एक डॉक्यूमेंट्री का हिस्सा है। ट्विटर पर आने के बाद इस पर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं।