आखिर मिल ही गई वो खुशखबरी, जिसका पीएम मोदी को था सालों से इंतजार
नई दिल्ली – मोदी सरकार को आखिरकार वो खुशखबरी मिल ही गई जिसका इंतजार वो पिछले तीन सालों से कर रहे थे। दरअसल, 2014 में केन्द्र की गद्दी संभलने के बाद पीएम मोदी के लिए कई चुनौतियों में से डॉलर और रुपए के बीच बढ़ते अंतर को कम करना भी एक चुनौती थी। बुधवार को भारतीय रुपया मजबूत हुआ और पिछले दो सालों में डॉलर के मुकाबले सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। Rupee surges high against us dollar.
डॉलर के मुकाबले रुपए में दिखी मजबुती
पिछले दो सालों में रुपए ने बुधवार को डॉलर के मुकाबले सबसे अधिक मजबुती दिखाई। इससे पहले मंगलवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 64.07 के स्तर पर बंद हुआ था, लेकिन बुधवार को भारतीय रुपये और मजबुती दिखाई और 63.73 स्तर के साथ डॉलर के मुकाबले सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। विशेषज्ञों के मुताबिक वर्तमान में रुपया अंतरराष्ट्रीय बाजार में दुनिया की सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बना गया है।
भारतीय रुपए ने बुधवार को डॉलर के मुकाबले 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है। डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए की मजबूती के पीछे कई अहम कारण होते हैं। मसलन, रुपए की मजबूती घरेलू स्टॉक और ब्रांड बाजार में विदेशी मुद्रा के निवेश पर निर्भर करता है।
रुपए की मजबुती के ये हैं अहम कारण
इस महीने भारतीय मुद्रा बाजार में 30 अरब डॉलर का फ्लो हुआ है, जिसकी वजह से हमें भारतीय रुपए में मजबुती देखने को मिल रही है। अन्य कारणों में भारतीय बाजार में विदेशी मुद्रा फ्लो बढ़ा जिसकी वजह स्टॉक मार्केट में बढ़ोत्तरी देखने को मिली। इस साल एशिया में निप्टी सबसे अधिक प्रदर्शन करने वाला मार्केट रहा, जिसका वजह से भी रुपये में मजबूती देखने को मिली।
पिछले कुछ समय से मुद्रास्फीति व चालू घाटे में कमी और आर्थिक वृद्धि की वजह से रुपए ने अच्छा प्रदर्शन किया। वैश्विक रूप से डॉलर का कमजोर होना भी रुपए की मजबूती के पीछे एक अहम कारण है। आपको बता दें कि डॉलर का प्रदर्शन पिछले 15 महीनों में सबसे कमजोर रहा है, जिससे रुपए के मुल्य में वृद्धी हुई।