भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव हमेशा ही बरकरार रहता है। खासकर पाकिस्तान के नेता तो कभी चाहते ही नहीं हैं कि दोनों देशों के बीच संबंध अच्छे रहें। भारत ने कई बार कोशिश की ताकि पड़ोसी मुल्क से संबंध सुधर जाएं लेकिन हर बार पाक की ओर से भारत को धोखा ही मिला।
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान खुद भारत की निंदा करके ही सत्ता में पहुंचे थे। इसके बाद से उन्होंने हर मोर्चे पर भारत का विरोध किया है। वो मोदी सरकार से नफरत करते हैं लेकिन अचानक से उनका सुर बदल गया है और वो मोदी सरकार के कायल हो गए हैं। उन्होंने पाकिस्तान से ही भारत को सलाम किया है।
खतरे में है इमरान की कुर्सी
इमरान खान इस समय पाक के पीएम हैं लेकिन वो ज्यादा दिन तक इस कुर्सी पर नहीं बैठने वाले हैं। इसकी वजह है सेना का भी साथ छोड़ देना। इमरान खान के खिलाफ पाकिस्तान में ऐसा माहौल बन गया है कि अब उनको कुर्सी छोड़नी ही पड़ेगी। इसके लिए सेना की ओर से इशारा भी दिया जा चुका है। जिससे साफ हो गया है कि इमरान का पीएम पद जाना तय है।
पाकिस्तान में ओआईसी की बैठक होने वाली है। इस बैठक में विश्व के प्रमुख तेल उत्पादक देश हिस्सा लेंगे। वहीं चीन के विदेश मंत्री भी बैठक में शामिल होने आ रहे हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि इस बैठक के खत्म होते ही इमरान खान को अपना प्रधानमंत्री का पद छोड़ना होगा। पहले उनके साथ सेना थी लेकिन अब सेना ने भी उनका साथ छोड़ दिया है।
जानें क्यों मोदी सरकार के कायल हुए इमरान
हमेशा मोदी सरकार का विरोध करने वाले इमरान खान अचानक मोदी के कायल ऐसे ही नहीं हो गए हैं। असल में उनको मोदी सरकार की विदेश नीति बहुत भा गई है। उन्होंने भारत की विदेश नीति की तारीफ करते हुए कहा है कि एक तरह तो भारत क्वाड संगठन में अमेरिका का साथ है। वहीं तमाम प्रतिबंधों के बाद भी रूस से कच्चा तेल भी खरीद रहा है।
खैबरपख्तूनवा में रैली को संबोधित करते हुए इमरान खान बोले कि मैं भारत को सलाम करता हूं जो उन्होंने एक स्वतंत्र विदेश नीति को अपनाया है। भारत इस समय अमेरिका और रूस दोनों का ही सहयोगी है। इमरान ने भारत की तारीफ के जमकर पुल बांधे हैं और अपने देश की नीति को नीचा दिखाने से भी गुरेज नहीं किया है।
पार्टी के सांसद ही विरोध में
इमरान खान क्रिकेटर से नेता बने हैं। उन्होंने नया पाकिस्तान का नारा दिया था और लोगों को बदलाव के सपने दिखाकर वोट मांगे थे। पाक नागरिकों ने भी उनको वोट दिया था और सरकार बनवाई थी। हालांकि इमरान के नारे खोखले ही साबित हुए और वो पाकिस्तान को कर्ज से निकालने की बजाय और कर्ज में डुबाते चले गए।
इसी वजह से अब उनकी पार्टी के ही सांसद उनके खिलाफ हो गए हैं। वहीं मरयम नवाज से लेकर बिलावल भुट्टो ने तो पहले ही उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उनके खिलाफ संसद में 28 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। इस वोटिंग ने इमरान की मुसीबत और बढ़ा दी है।