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गरीब बौद्ध भिक्षु की लग गई करोड़ों की लॉटरी, करने लगा ऐसा काम…घर के आगे लग गई लोगों की लाइनें

अगर कभी आपने लॉटरी खेली हो और वो खुल गई हो तो इसे आप क्या कहेंगे। इसे अपनी किस्मत मान लेंगे और खुशी खुशी लॉटरी में जीती हुई रकम को अपने पास रख लेंगे। अब जरा सोचिए तब क्या हो जब इस लॉटरी की रकम करोड़ों रुपयों में हो, तब आप क्या करेंगे। क्या उसे भी अपने पास रख लेंगे या नहीं।

थाइलैंड के बौद्ध भिक्षु के साथ कुछ ऐसी ही घटना घटी है। उन्होंने एक लॉटरी खरीद ली थी। उसका इनाम करोड़ों रुपये में था। किस्मत से उनकी लॉटरी खुल भी गई और उनको करोड़ों रुपये की रकम भी मिल गई। हालांकि इसके बाद उन्होंने ऐसा फैसला कर लिया जिसको जानते ही लोगों की लाइनें उनके घर के आगे लग गई। आइए जानें वो फैसला क्या था।

थाइलैंड के भिक्षु की लगी 4 करोड़ की लॉटरी

थाइलैंड के बौद्ध भिक्षु ने कुछ समय पहले एक लॉटरी खरीदी थी। 47 साल के फ्रा क्रू फनोम नाम के भिक्षु ने इस लॉटरी को एक स्थानीय दुकानदार की मदद के लिए खरीदा था। कोरोना काल में वो काफी समस्या में था। साधु ने इस लॉटरी को खरीदकर अपने पास रख लिया और उनकी किस्मत चमक उठी। लॉटरी की चार करोड़ रुपये की रकम उनको मिल गई।

भिक्षु उत्तरी प्रांत नखोन फरोम में रहते हैं और एक स्थानीय मंदिर के सचिव भी हैं। वो इस मंदिर की देखरेख करते हैं। वो इस लॉटरी की मदद से रातोरात करोड़पति बन गए। हालांकि उन्होंने कहा कि ये उनकी किस्मत का चमत्कार नहीं बल्कि स्वर्गदूतों की कृपा है जिसके दम पर वो अचानक ही 4 करोड़ रुपये के मालिक बन गए।

जानें क्यों लग गई साधु के घर के आगे लाइनें

बौद्ध भिक्षु ने लॉटरी के पैसों को अपना नहीं बताया है। उनका कहना है कि एक भिक्षु के लिए जुए की रकम को अपनाना सही काम नहीं है। इसी वजह से उन्होंने बड़ा ऐलान कर दिया। साधु ने ऐलान किया कि वो इस लॉटरी से मिली 4 करोड़ रुपये की रकम को गरीबों को बांट देंगे। इस ऐलान के बाद उनके घर के आगे पैसे लेने वालों की लाइनें लग गईं।

भिक्षु ने इसके बाद नोटों को अपने घर के आगे ही बांटना शुरू कर दिया। वो हर एक को 200 भात(थाइलैंड मुद्रा) यानि करीब 550 रुपये दे रहे हैं। वहीं पैसों को लेने के लिए लोग लंबी-लंबी कतारों में खड़े हुए हैं और अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। साधु का कहना है कि वो पूरी रकम लोगों को बांट देंगे। अब तक वो करीब 34 लाख रुपये दान भी कर चुके हैं।

वहीं उनके दान की वजह से लोगों की भारी भीड़ वहां इकट्ठा हो गई है। इसीलिए प्रशासन ने वहां सुरक्षा के इंतजाम भी कर दिए हैं। आलम ये है कि वहां पर कोरोना के नियमों का पालन करवाना पड़ रहा है। साधु ने बताया कि ड्रॉ से बस तीन दिन पहले ही वो लॉटरी टिकट खरीदकर लाए थे और उनकी लॉटरी निकल भी गई।

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