भगवान राम के दरबार पर ही गहलोत जी की महरबानी से चल गया कांग्रेस का बुल्डोजर, हुआ ज़मींदोज़
आजकल बुल्डोजर की जब भी बात होती है, फौरन ही यूपी की योगी सरकार की याद आ जाती है। उनकी सरकार माफिया का अवैध कब्जा हटाने के लिए बुल्डोजर का इस्तेमाल कर रही है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सरकार ने भी बुल्डोजर का प्रयोग किया है लेकिन उनका बुल्डोजर माफिया पर नहीं बल्कि भगवान राम के दरबार पर ही चल गया।
सालासर रोड की है घटना
राजस्थान में इस समय कांग्रेस की सरकार है। अशोक गहलोत जैसे वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री हैं जो प्रदेश की कमान संभाल रहे हैं। इसके बाद भी यहां धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाली घटना हो गई। मामला सालासर रोड पर मौजूद सुजानगढ़ के प्रवेश द्वार का है। द्वार के ऊपर राम दरबार की प्रतिमा थी जो काफी भव्य लगती थी।
16 मार्च को इस द्वार को हटाने के चक्कर में सरकारी कर्मचारियों ने ऐसा काम कर दिया, जिसके बाद सरकार की जमकर आलोचना हो रही है। कर्मचारियों ने राम दरबार की प्रतिमा ही तोड़ डाली। इसका वीडियो बना और सोशल मीडिया पर पोस्ट हो गया। पोस्ट होते ही वीडियो वायरल हो गया और जमकर शेयर किया जा रहा है।
फोरलेन बनाने को बताया कारण
वीडियो वायरल होने के बाद हिन्दू संगठनों में नाराजगी हो गई। उस रोड को जाम कर धरना होने लगा और प्रदर्शन किया गया। जाम खुलवाने जब अफसर पहुंचे तो आक्रोशितों ने पहले इस कार्रवाई से जुड़े अफसरों को बुलाने की जिद की। इसके बाद डी एईएन बाबूलाल वर्मा व जेईएन नंदलाल मुवाल वहां पहुंचे और लोगों को समझाने लगे।
आक्रोशित लोगों ने दोनों ही अफसरों को सड़क पर बैठा दिया। इसके बाद उन लोगों से राम के दरबार को तोड़ने की वजह पूछी गई। इस पर अफसरों ने जवाब दिया कि यहां फोरलेन बनाया जा रहा है। इसी वजह से रोड को चौड़ा करना है। वहीं रोड पर जाम लगाकर बैठे हिन्दू संगठनों के लोगों का आक्रोश देखकर दोनों ही अफसरों ने सबके सामने हाथ जोड़े और माफी भी मांगी।
सुजानगढ़ में गहलोत सरकार की “निशाचरी करतूत”!
अंधेरी रात में भगवान राम और उनके दरबार की मूर्तियों पर गहलोत सरकार ने चलाया बुलडोजर।
गहलोत जी, नहीं भूलेंगे हम… pic.twitter.com/MHd5OTckzG— BJP Rajasthan (@BJP4Rajasthan) March 19, 2022
फिर से प्रतिमाएं होंगी स्थापित
अफसरों की बात सुनकर भी लोगों का आक्रोश कम नहीं हो रहा था। वहां पर जाम लगाए लोगों का तर्क था कि अगर कार्रवाई होनी ही थी तो पहले राम दरबार को सम्मान के साथ किसी और जगह पर ले जाया जाना था। इसके बाद ही वहां पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होती। हालांकि इसका जवाब अफसर नहीं दे सके।
फिर भी अफसरों ने कहा कि फोरलेन का कार्य खत्म होने के बाद यहां प्रवेश द्वार बनेगा। उसनें दोबारा राम दरबार की प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा। उन्होंने इस आश्वासन को लिखित में देने से मना कर दिया। वहीं भाजपा ने इस मुद्दे को लपक लिया है। भाजपा ने राजस्थान सरकार को निशाचरी करार दे दिया है। इसके साथ ही कहा है राजस्थान के निवासी इस अपमान को नहीं भूलेंगे।