द कश्मीर फाइल्स हुई टैक्स फ्री तो झुंड की निर्माता को लग गईं मिर्ची, पूछा- इसका पैमाना क्या है
निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files)’ इस समय बॉक्स ऑफिस पर तगड़ी कमाई कर रही है। फिल्म को दर्शकों और फिल्म क्रिटिक्स की अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। फिल्म 1990 के दशक में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है। इस फिल्म को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के कई नेताओं सहित केंद्र सरकार से समर्थन और प्रशंसा मिली है।
‘द कश्मीर फाइल्स’ के टैक्स फ्री होने पर उठे सवाल
हाल ही में सरकार ने उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, कर्नाटक, त्रिपुरा और गोवा इत्यादि कई राज्यों में ‘द कश्मीर फाइल्स’ को टैक्स फ्री भी कर दिया है। लेकिन इस बात पर अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की हालिया रिलीज़ झुंड (Jhund) के निर्माताओं में से एक सविता राज हिरेमठ ने सवाल उठाए हैं।
सविता का कहना है कि उनकी फिल्म ‘झुंड’ में भी जो टॉपिक बताया गया है वह देश के विकाश के लिए जरूरी है। उनकी फिल्म को भी दर्शकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। फिर उनकी फिल्म को टैक्स फ्री क्यों नहीं किया गया?
झुंड की निर्माता बोली- हमारी फिल्म टैक्स फ्री क्यों नहीं हुई?
सविता ने फेसबुक पर अपने विचार साझा करते हुए लिखा “मैंने हाल ही में ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखी। इसमें कश्मीरी पंडितों के पलायन की कहानी दिल दहला देने वाली है। ऐसी कहानियों को दिखाया जाना चाहिए। इससे कश्मीरी पंडितों की आवाज पूरे देश में सुनाई देगी। लेकिन बतौर झुंड निर्माता मैं हैरान हूँ। हमारी झुंड भी एक अहम फिल्म है। इसकी कहानी में एक बड़ा संदेश है। इसे दर्शकों से अच्छी खासी प्रशंसा मिली है।”
किस मापदंड पर फिल्म टैक्स फ्री करती है सरकार?
सविता ने आगे कहा “मैं ये पता लगाना चाहती हूं कि सरकार आखिर किस मापदंड के आधार पर फिल्म को टैक्स फ्री करती है। वे किस बेस पर सोशल मीडिया के माध्यम से इसका समर्थन करती है, कार्यालयों को फिल्म का प्रदर्शन करने या आधे दिन की छुट्टी देने के लिए बोलती है। झुंड फिल्म में भी ऐसा टॉपिक है जो भारत के विकास के लिए बहुत अहम है। झुंड जाति और आर्थिक असमानता के बीच असमानता के अलावा समाज के निचले तबके को उनकी सफलता की कहानी खोजने तरीका दिखाती है।”
बताते चलें कि झुंड 4 मार्च को रिलीज हुई थी। इसमें अमिताभ बच्चन ने नागपुर के एक सेवानिवृत्त खेल शिक्षक विजय बरसे का रोल किया था। वे फिल्म में एक झुग्गी फ़ुटबॉल आंदोलन का बीड़ा उठाते हैं। झुंड को भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, राज हिरेमठ, गार्गी कुलकर्णी, मीनू अरोड़ा और मंजुले ने मिलकर प्रोड्यूस किया है। फिल्म ने 14 दिनों में बस 15 करोड़ की ही कमाई की थी। वहीं द कश्मीर फाइल्स 8 दिनों में करीब 116 करोड़ की कमाई कर चुकी है।