12 घंटे पहले पैदा हुई मासूम को बस में छोड़ गई मां, पकड़ी गई तो दिया बहाना, पुलिस ने नहीं दी बच्ची
क्या समाज की कुरीति या गरीबी की मार की चोट इतनी बड़ी होती है कि वो एक मां को अपने कलेजे के टुकड़े को लावारिस छोड़कर जाने के लिए मजबूर कर दे। इसे पत्थर दिल कह लें या अपने हाथों से ही अपनी भावनाओं का कत्ल कह लें, हमारे समाज में ऐसा अक्सर होता रहता है। इसी तरह की भावनाओं की कत्ल करने वाली घटना एक बार फिर सामने आई है। राजस्थान के जालोर में एक मां ने अपनी सिर्फ 12 घंटे की बच्ची को लावारिस छोड़कर चली गई।
12 घंटे की बच्ची को बस में छोड़ गई
राजस्थान के जालोर में ममता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां सांचौर में एक महिला करीब 12-15 घंटे पहले जन्मी अपनी बेटी को निजी बस में छोड़ गई। बाद में बच्ची के रोने के आवाज सुनकर यात्रियों को इसका पता चला। पूछताछ और सीसीटीवी कैमरों की छानबीन के बाद पुलिस ने उसकी मां को ढूंढ निकाला।
पकड़े जाने पर बनाया बहाना
पुलिस ने जब उसे बुलाकर इस बारे में पूछा तो बोली ‘मैं तो पानी लेने के लिये गई थी लेकिन बस चल पड़ी थी’। महिला के बयानों से पुलिस अभी संतुष्ट नहीं हुई है। लिहाजा पुलिस ने बच्ची को फिलहाल बाल कल्याण समिति को सौंप दिया है। वहां बच्ची की देखरेख की जा रही है।
जानकारी के अनुसार घटना रविवार बताई जा रही है। जालोर के सांचौर से एक निजी बस गुजरात जा रही थी। बस जैसे ही वहां से रवाना हुई तो यात्रियों को एक बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। बच्ची जब लगातार रोती रही तो यात्रियों उसके पास जाकर देखा। बच्ची को देखकर यात्री स्तब्ध रह गये क्योंकि सीट पर नवजात के पास कोई नहीं था। इस पर उन्होंने बस के ड्राइवर और कंडक्टर को बताया। बस स्टाफ ने यात्रियों से पूछताछ की लेकिन सभी ने अनभिज्ञता जाहिर की।
नवजात के कपड़ों पर मिला निजी अस्पताल का टैग
इस पर बस स्टाफ ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली। पुलिस ने मासूम को राजकीय रेफरल मिश्रीमल धर्मचंद चंदन अस्पताल में भर्ती करवाया। वहां डॉक्टर्स ने मासूम की जांच की तो वह एकदम स्वस्थ मिली। चिकित्सकों के मुताबिक बच्ची का जन्म उसके मिलने से 12 से 15 घंटे पहले ही हुआ है। मासूम के कपड़ों पर सांचौर के ही एक निजी अस्पताल का फटा हुआ टैग लगा हुआ मिला। उसके आधार पर पुलिस ने छानबीन की तो मासूम के परिजनों की जानकारी मिल गई।
पुलिस ने महिला को बच्ची नहीं सौंपी
इसके बाद पुलिस ने बच्ची की मां से संपर्क किया। पुलिस पूछताछ में उसने चौंकाने वाला जवाब दिया। उसने कहा कि वह बच्ची को लेकर गांव आ रही थी। पानी लेने उतरी तो बस चल गई। ऐसे में बच्ची बस में ही रह गई। लेकिन पुलिस उसके जवाब से संतुष्ट नहीं हुई। बाद में बच्ची की मां उसे लेने आई लेकिन पुलिस ने बच्ची को उसे नहीं सौंपा। पुलिस ने बच्ची को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया है।
बच्ची के माता-पिता जड़ी बूटी बेचने का काम करते हैं
मासमू के परिजन रामजीगोल में रहकर जड़ी बूटी बेचने का काम करते हैं। वे मूलत: पंजाब के रहने वाले हैं। पुलिस को महिला पर शक इसलिये है कि उसका गांव रामजीका गोल है जबकि बस उसकी विपरित दिशा में गुजरात जा रही थी। दूसरा सवाल यह भी है कि महज 12 घंटे पहले हुई मासूम को उसकी मां अकेले बस में कैसे लेकर जा रही थी।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि महिला के पहले से दो बेटियां हैं कोई बेटा नहीं है। लिहाजा पुलिस को शक है कि महिला जानबूझकर बच्ची को बस में अकेला छोड़ गई थी लेकिन समय रहते पता चलने पर वह पकड़ी गई। इसलिये इधर-उधर की बातें कर रही है। बहरहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है।