अपर्णा यादव, अदिति सिंह बन सकती हैं मंत्री, योगी 2.0 कैबिनेट के मंत्रियों की संभावित लिस्ट देखिए
यूपी में बीजेपी की बंपर जीत के बाद अब सबकी निगाह उस लिस्ट पर है जिन्हें योगी 2.0 कैबिनेट में जगह मिलने वाली है। आपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ के दिल्ली के दौरे के दौरान उन्होंने पीएम मोदी समेत कई केंद्रीय नेताओं के साथ जो मुलाकात हुई है, जिसमें मंत्रिमंडल को भी लेकर चर्चा होने की खबर है। बताया जा रहा है कि इन मुलाकातों में ही उत्तर प्रदेश में बनने वाली सरकार की नवनिर्वाचित मंत्रिमंडल की सूची के तकरीबन ज्यादातर नाम फाइनल कर दिए गए हैं।
कई नाम चौंकाने वाले हो सकते हैं
भाजपा सूत्रों के मुताबिक योगी आदित्यनाथ के दिल्ली दौरे ने तकरीबन उत्तर प्रदेश के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर साफ कर दी है। सूत्र बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की शपथ के साथ में ही जिन मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी उसमें कई नाम चौंकाने वाले हो सकते हैं। भाजपा से जुड़े एक वरिष्ठ पदाधिकारी बताते हैं कि योगी आदित्यनाथ के पिछले मंत्रिमंडल के कई सदस्य इस बार बाहर का रास्ता भी देख सकते हैं। हालांकि कुछ मंत्री तो चुनाव भी नहीं जीते पाए हैं।
इनके मंत्री बनने के आसार
भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस बार योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में शुरुआती दौर में ही पूर्वांचल, बुंदेलखंड, अवध, पश्चिम और तराई का प्रतिनिधित्व वहां के जीते हुए विधायकों को मिल सकता है। जिन विधायकों को उत्तर प्रदेश में नए मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, उसमें प्रमुख नाम सुरेश खन्ना, बेबी रानी मौर्य, श्रीकांत शर्मा, बृजेश पाठक, सतीश महाना, सिद्धार्थ नाथ सिंह, सूर्य प्रताप शाही, आशुतोष टंडन, अनुराग सिंह, असीम अरुण, राजेश्वर सिंह, आशीष पटेल, नंदकुमार नंदी और नितिन अग्रवाल का नाम फिलहाल तय माना जा रहा है। इसके अलावा अपना दल और निषाद पार्टी के जीते हुए विधायकों की मंत्रिमंडल में भागीदारी का अनुमान है।
संगठन से जुड़े एक वरिष्ठ पदाधिकारी कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में इस बार मंत्रिमंडल का गठन ऐसे जातिगत समीकरणों को साधते हुए हो रहा है, जो 2024 की राह को बहुत आसान कर दें। उनका इशारा है स्पष्ट रूप से दलितों और पिछड़ों की ओर था, जिनका इस बार पार्टी को बंपर वोट मिला है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक वैसे तो मंत्रिमंडल का गठन सभी जाति बिरादरी और समुदायों के लोगों की बराबर भागीदारी के लिहाज से ही किया जाता है। लेकिन राजनीतिक हित और भविष्य की रूपरेखा तय करते हुए सभी सरकारें मंत्रिमंडल का गठन उसी लिहाज से करती हैं।
इसमें सिराथू से चुनाव हार चुके भाजपा के कद्दावर नेता केशव प्रसाद मौर्या का नाम भी शामिल है। इसके अलावा चर्चा में नाम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह का नाम चल रहा है।
इसके अलावा चर्चा रायबरेली की विधायक अदिति सिंह और भाजपा में हाल में शामिल हुई मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को भी मंत्रिमंडल में शामिल करने की है। पिछड़ों, महिलाओं के अलावा दलितों को भी मंत्रिमंडल में अच्छा हिस्सा मिलना तय है, क्योंकि बीजेपी के पक्ष में दलितों ने भी जमकर वोट किया है।