मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान, 2 कमरे का मकान, एक आम आदमी ने CM को किया चारों खाने चित
पंजाब में आम आदमी पार्ट की ऐसी लहर चली कि वहां के सीएम चरणजीत चन्नी चारों खाने चित हो गए। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नीअपनी दोनों सीट श्री चमकौर साहिब और भदौड़ से चुनाव हार चुके हैं।
साधारण सख्स ने सीएम की दी मात
भदौड़ में सीएम चन्नी को बेहद आम शख्स ने सियासी शिकस्त दी है। आम आदमी पार्टी ने लाभ सिंह उगोके को अपना प्रत्याशी बनाया था। लाभ सिंह ने प्लंबर का कोर्स किया है और वह मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान चलाते हैं। उनके पास कुल जमा 75 हजार कैश है। गरीब घर से ताल्लुक रखने वाले नौजवान लाभ सिंह उगोके ने सीएम चन्नी को 37500 मतों से हराकर इतिहास रचा।
सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के पास 07 करोड़ 97 लाख रुपये की चल और अचल संपति है। सीएम चन्नी की पत्नी कमलजीत कौर भी 04 करोड़ 18 लाख और 45 हजार रुपये की चल-अचल संपत्ति की मालकिन हैं। चन्नी और उनकी पत्नी कमलजीत कौर के पास फॉर्य्चूनर गाडियां हैं। चन्नी के पास चार करोड़ रुपये से ज्यादा की आवासीय जगह है।
जबकि पत्नी के पास भी दो करोड़ 27 लाख और 85 हजार रुपये की आवासीय जगह है। वहीं सीएम चन्नी को हराने वाले आप के उम्मीदवार लाभ सिंह उगोके के पास सिर्फ 75 हजार रुपये की नकदी है और 2014 मॉडल की पुरानी बाइक और दो कमरों का मकान है।
किसी कीमत पर जमीर नहीं बदलूंगा
लाभ सिंह उगोके ने कहा कि मुझे पीछे हटने के लिए पांच करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया था, जिसका ऑडियो मेरे पास मौजूद है। लाभ सिंह उगोके ने कहा कि वह सिस्टम बदलने की लड़ाई लड़ रहे हैं, किसी भी कीमत में अपना जमीर नहीं बदल सकते हैं, क्योंकि कुल्लियों वालों की लड़ाई महलों वालों से थी लेकिन भदौड़ के जुझारू लोग पूंजीपति चन्नी को भारी बहुमत से मात देकर 1952 वाला इतिहास दोहराया है।
1952 की कहानी सुनाई
उन्होने बताया कि 1952 में गरीब आदमी अर्जन सिंह का मुकाबला चुनाव में एक राजा से था। अर्जन सिंह बैलगाड़ी पर चुनाव प्रचार करता था लेकिन राजा के पास सभी साधन थे और उस राजा ने उस समय अपने चुनाव पर एक लाख रुपया खर्च किया था लेकिन भदौड़ के लोगों ने अर्जन सिंह को जीत दिलाई और राजा को हराकर उसका अहंकार तोड़ा। इस बार भी भदौड़ में यही हुआ है और वह हलका भदौड़ का दिल्ली मॉडल की तरह विकास करेंगे।
पिता मजदूर, मां चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी
लाभ सिंह का एक साधारण परिवार है। दो कमरों के घर में रहने वाले लाभ सिंह की मां एक सरकारी स्कूल में चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारी हैं जबकि पिता खेतों में मजदूरी करते हैं । उनकी पत्नी घरेलू महिला हैं और लाभ के दो बच्चे हैं। लाभ सिंह पिछले लगभग 10 साल से आप से जुड़े हैं। वह भगवंत मान के करीबी हैं।