आखिर क्यों भुला दिया लोगों ने बॉलीवुड के इस खतरनाक खलनायक को…. देखें वीडियो!
मुंबई: बॉलीवुड की दुनिया चकाचौंध से भरी हुई दुनिया है। यह दुनिया हर किसी को खूब आकर्षित करती है। तभी तो हर रोज कई लोग मुंबई हीरो बनने के लिए पहुँचे रहते हैं। अब तो काफी कम हो गया है, 90 के दशक में ऐसे लोगों की भरमार थी, जो हीरो बनने के लिए घर से चोरी से भाग जाते थे। घर वाले उन्हें मर्जी से तो जाने नहीं देते थे, ऐसे में उनके पास एक ही रास्ता होता था, चोरी से भागने का।
सफलता ना मिलने पर निभाते थे खलनायक की भूमिका:
बॉलीवुड में कई ऐसे अभिनेता हैं जो चोरी से शुरुआत में घर से भागकर हीरो बने और आज सफल हीरो हैं। जो भी मुंबई जाता था, सब हीरो बनने के उद्देश्य से ही जाते थे, कोई खलनायक नहीं बनना चाहता था। कई ऐसे भी अभिनेता हैं जो शुरुआत में हीरो का रोल करते थे, लेकिन सफलता नहीं मिली तो खलनायक का रोल निभाने लगे। खलनायक का रोल निभाने के बाद उन्हें काफी पहचान मिली।
हॉलीवुड में खलनायक की भूमिका को दमदार भूमिका समझा जाता है और बड़े-बड़े अभिनेता खलनायक की भूमिका निभाने के लिए तैयार रहते हैं। लेकिन बॉलीवुड में पहले तो ऐसा बिलकुल भी नहीं था। सभी को हीरो बनना था, इसलिए खलनायक को खतरनाक चेहरे वाले व्यक्ति को ही बनाया जाता था। बॉलीवुड में भी कई ऐसे अभिनेता रहे हैं, जिन्होंने खलनायक के रूप में काफी प्रसिद्धि पायी है।
कभी थे बॉलीवुड के खतरनाक विलेन, आज खो गए:
आज हम आपको बॉलीवुड के एक ऐसे ही अभिनेता के बारे में बताने जा रहे हैं, जब वह पर्दे पर दिखता था तो लोगों की डर के मारे हालत खराब हो जाती थी। वह फिल्मों में अपने विलेन के रोल के लिए काफी प्रसिद्ध था। लेकिन आज अभिनेता की हालत ऐसी है, जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते। जो कभी बॉलीवुड में खलनायकों की पहचान हुआ करता था, आज बॉलीवुड उसे भुला चुका है।
इनका डायलाग आज भी रहता है लोगों की जुबान पर:
हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड में खलनायक की भूमिका निभाने वाले गंगासानी रामी रेड्डी की। इनका जन्म चित्तोर जिले के बल्मिकिपुरम में हुआ था। इन्होने उस्मानिया विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की थी। जिसके बाद इन्होने कुछ दिनों तक पत्रकार के रूप में भी काम किया। इन्होने अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत तेलुगु फिल्म से की थी। इसके बाद इन्होने हिंदी, भोजपुरी, तमिल, तेलुगु की कई फ़िल्में की। हिंदी फिल्मों में बोला गया इनका डायलाग “टेंशन लेने का नहीं, टेंशन देने का” आज भी लोगों की जुबान पर रहता है। जानें इनके बारे में और।