अगर आप भी चाहते हैं कि ईश्वर रहें हमेशा आपके साथ तो अपनाएँ ये विधि!
बिना ईश्वर की मर्जी के किसी का कल्याण ना हो सका है और ना ही आगे होगा। जो व्यक्ति ईश्वर में असीम श्रद्धा रखता है, भगवान उसका हर कदम पर साथ देते हैं। इसके उलट जो लोग ईश्वर पर यकीन नहीं करते हैं, एवं उन्हें भला-बुरा कहते हैं वह सारी जिंदगी परेशानियों से घिरे रहते हैं। ईश्वर का मार्ग अपनाकर ही व्यक्ति को जीवन में सफलता प्राप्त हो सकती है। ईश्वर में विश्वास रखने वाले हर व्यक्ति की यही चाहत होती है कि ईश्वर हमेशा उसके पास ही रहें।
ये विधि से बदल जाएगी आपकी पूरी जिंदगी:
आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद यक़ीनन आपकी जिंदगी पूरी तरह से बदल जाएगी। एकबार की बात है शहर का एक बहुत ही धनी व्यक्ति एक फ़क़ीर के पास गया। धनी व्यक्ति ने फ़क़ीर से कहा कि मैं ईश्वर की प्रार्थना करना चाहता हूँ, लेकिन अपनी तमाम कोशिशों के बाद भी मैं ईश्वर की प्रार्थना नहीं कर पाता हूँ।
उसनें फ़क़ीर से कहा कि मेरे अन्दर ही अन्दर वासना बनी रहती है। मैं ध्यान केन्द्रित करने के लिए आँखें भी बंद करता हूँ तो ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाता हूँ। इस वजह से परमात्मा के दर्शन नहीं होते हैं। धनी व्यक्ति की बातें ध्यान से सुनने के बाद फ़क़ीर उसे एक खिड़की के पास ले गया, जिसमें साफ़ कांच लगा हुआ था। यह देखकर धनी व्यक्ति सोच में पड़ गया कि आखिर यह फ़क़ीर बताना क्या चाहता है।
फ़क़ीर ने खिड़की से कांच के बाहर देखने को कहा। धनी व्यक्ति ने जब उस साफ़ कांच के बाहर देखा तो उसे पेड़, पक्षी, बादल, सूर्य और बहुत सी चीजें दिखाई दे रही थीं। इसके बाद फ़क़ीर उस धनी व्यक्ति को दूसरी खिड़की के पास ले गया, जहाँ कांच के ऊपर चाँदी की चमकीली परत लगी हुई थी। उसके बाहर देखने पर धनी व्यक्ति को कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था, केवल उसका चेहरा ही उस कांच में दिख रहा था।
फ़क़ीर ने बड़ी सरलता से कहा कि जिस चमकीली परत की वजह से तुम बाहर नहीं देख पा रहे हो, तुम्हें केवल तुम्हारा चेहरा दिखाई दे रहा है, वही चमकीली परत तुम्हारे मन पर भी चढ़ी हुई है। इसलिए जब तुम ध्यान लगाने की कोशिश करते हो तो खुद को ही देखते हो। जबतक तुम वासना की परत अपने मन पर चढ़ाकर रखोगे, तब तक परमात्मा का ध्यान करना तुम्हारे लिए बेकार है। तुम शीशे जैसे साफ़ और पारदर्शी मन से ईश्वर का ध्यान करो, उसके बाद देखो ईश्वर हमेशा तुम्हारे करीब रहेंगे।