…जब कांग्रेस की वजह से महीनों जेल में रहे थे अमित शाह, खाई थी बर्बाद करने की कसम
नई दिल्ली – अमित शाह इस वक्त पूरे देश में बीजेपी का परचम लहराने में लगे हुए हैं। 2014 में बीजेपी को प्रचंड बहुमत से जीत दिलाने के बाद से अमित शाह ने देश के कई राज्यों में भी बीजेपी की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उत्तर प्रदेश, बिहार, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने जीत हासिल कि उसमें भी अमित शाह का अहम रोल रहा। केन्द्र के अलावा अमित शाह के निशाने पर वो सभी राज्य हैं जहां पहले बीजेपी की सरकार नहीं थी। वो जिस तरह से कांग्रेस मुक्त भारत के मिशन में लगे हुए हैं वो उनके लिए कोई नया लक्ष्य नहीं है। दरअसल, अमित शाह ने सालों पहले देश को कांग्रेस मुक्त करने की कसम खाई थी। Amit shah sohrabuddin and Gujarat riots.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमित शाह की पहली मुलाकात
अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई के एक बिजनेसमैन परिवार में हुआ था। इनका पूरा नाम अमित अनिलचंद्र शाह है। बायोकेमिस्ट्री से ग्रैजुएशन करने वाले अमित शाह ने शुरु में पिता का पाइप का बिजनेस संभाला। फिर कुछ दिनों तक को-ऑपरेटिव बैंक में स्कॉकब्रोकर के तौर पर भी काम किया। वो बचपन से ही आरएसएस से जुड़े रहें। बात करें अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात की तो वो पहली बार साल 1982 में अहमदाबाद में मिले थे। उस समय मोदी आरएसएस के प्रचारक हुआ करते थे।
जब अमित शाह ने जॉइन की थी बीजेपी
अमित शाह ने अपने राजनीतिक करियर की शुरआत आरएसएस के स्टूडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ साल 1983 में किया था। साल 1986 में उन्होंने बीजेपी जॉइन कि और साल 1987 में बीजेपी यूथ विंग भारतीय जनता युवा मोर्चा के एक्टिविस्ट बनें। एक्टिविस्ट बनने के बाद उन्होंने वॉर्ड सेक्रेटरी, तालुका सेक्रेटरी, स्टेट सेक्रेटरी, वाइस प्रेजिडेंट और जनरल सेक्रेटरी जैसे पदों पर काम किया। साल 1991 में हुए लोकसभा चुनावों में उन्होंने लाल कृष्ण अडवाणी के लिए गांधीनगर में कैंपेन चलाया।
मोदी का करीबी होने की वजह से बनें कांग्रेस का निशाना
गुजरात में साल 1995 में जब बीजेपी की पहली बार केशुभाई पटेल के नेतृत्व में सरकार बनी, उस वक्त कांग्रेस से मोर्चा लेने के लिए मोदी और अमित शाह ने पिछड़े इलाकों में हर गांव से प्रभावशाली नेताओं की तलाश की और उन्हें बीजेपी में शामिल कराया। इसी दौरान उनपर गुजरात दंगों में शामिल होने आरोप लगे और उन्हें जेल भेज दिया गया। दरअसल, नरेंद्र मोदी का करीबी होने की वजह से कांग्रेस ने अमित शाह को निशाना बनाया था। अमित शाह पर सोहराबुद्दीन एंकाउंटर में भी आरोप लगाये गए। जिसके कारण उन्हें 25 जुलाई 2010 में 90 दिनों जेल में रहना पड़ा था।
जब खाई थी कांग्रेस को बर्बाद करने की कसम
जमानत पर बाहर आने के बाद साल 2015 में सीबीआई कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया। जिसके बाद साल 2016 में एक वेबसाइट ने लिखा था कि जेल में अमित शाह ने कांग्रेस को खत्म करने की प्रतिज्ञा ली थी। जिसके बाद उन्होंने क्या किया है ये किसी से छिपा नहीं है। बिहार में कांग्रेस-आरजेडी-जेडीयू का महागठबंधन खत्म हो गया और एनडीए के समर्थन से नीतीश कुमार की सरकार बन गई। अब तक देश के 29 में से 18 राज्यों में बीजेपी और उसके समर्थन वाली सरकार है और अब कांग्रेस की केवल 6 राज्यों में ही सरकार बची है, जिसरपर भी खतरा मंडरा रहा है।