आखिर क्यों सीआईए ने भाभा के विमान को उड़ाया था बम से, वजह जानकर हो जायेंगे हैरान!
वाशिंगटन: भारत के मशहूर परमाणु विज्ञानी होमी जहाँगीर भाभा के बारे में तो आप जानते ही होंगे। उनकी वजह से आज भारत विज्ञान की दुनिया में काफी आगे पहुँच गया है। अगर वो भारत के हिस्सा ना होते तो शायद भारत विज्ञान में आज कहीं ज्यादा पीछे होता। भाभा की वजह से भारत से कई लोग डरते थे। होमी जहाँगीर भाभा एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत को एक अलग पहचान दिलवाई।
विमान में सवार थे भारतीय वैज्ञानिक भाभा:
फ़्रांस की एल्पस पहाड़ियों में 1966 में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान का मलबा और कुछ मानवीय अवशेष मिलने के बाद वह विमान हादसा एक बार फिर से चर्चा का विषय बना हुआ है। जानकार लोग बताते हैं उस इलाके में दो विमान हादसे हुए थे। इनमें से एक विमान हादसा 1950 को हुआ था तथा दूसरा विमान हादसा 1966 को हुआ था। 26 जनवरी 1966 को जो विमान वहाँ दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, उसमें भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक होमी जहाँगीर भाभा भी सवार थे।
षडयंत्र के तहत विमान को उड़ाया गया था बम से:
विमान हादसे को लेकर आज तक मतभेद बना हुआ है। विमान हादसे के लिए दो तरह की थ्योरी सामने आ रही हैं। एक थ्योरी की मुताबिक विमान हादसा पायलट की गलती से हुआ था, जबकि दूसरी थ्योरी के मुताबिक विमान एक साजिश की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। जी हाँ दूसरी थ्योरी की मुताबिक विमान को एक षडयंत्र के तहत बम से उड़ाया गया था।
लगातार कर रहा था भारत प्रगति:
अक्टूबर 1965 की बात है, उस समय भाभा ने आल इंडिया रेडिओ से एक घोषणा की थी कि अगर उन्हें पूरी तरह छूट मिले तो भारत केवल 18 महीनों में ही परमाणु बम बनाकर दिखा दे। भाभा की दूरदर्शी सोच की वजह से ही भारत लगातार प्रगति कर रहा था। यह बात अमेरिका को नागवार गुजरी। भारत की लगातार होती तरक्की देखकर अमेरिका डर गया।
भारत से डर गया था अमेरिका, इसलिए करवा दी भाभा की हत्या:
अमेरिका का सोचना यह था कि अगर भारत अपने इस मुहीम में यानि परमाणु बम बनाने में कामयाब हो जाता है तो उसके लिए साथ ही पुरे दक्षिण एशिया के लिए खतरा बन जायेगा। इसके लिए अमेरिका ने अपने ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए का सहारा लिया और होमी जहाँगीर भाभा के विमान को बम से उड़ा दिया। आपको बता दें अमेरिका ने ऐसा पहली बार नहीं किया है। उसकी ख़ुफ़िया एजेंसी ने कई लोगों को जान से मारने की कई कोशिशें की है।