अगर सैनिक स्कूल में बनाना चाहते हैं बच्चे का भविष्य, यहां जान लें एडमिशन की पूरी प्रक्रिया
1960 के दशक में पहला सैनिक स्कूल खुलने से लेकर आज तक भारत के लगभग सभी माता-पिता की इच्छा होती है कि उनका बच्चा सैनिक स्कूल में पढ़े।
इसका कारण ये है कि सैनिक स्कूलों की पढ़ाई तो बहुत अच्छी है ही, साथ ही बच्चे के व्यक्तित्व का यहां ओवरऑल डेवलपमेंट या समग्र विकास होता है। बच्चा पढ़ाई के साथ खेल-कूद और दूसरी गतिविधियों में भी अव्वल रहता है। सैनिक स्कूलों की बेहतर शिक्षा व्यवस्था, अनुशसान और पासआउट होने वाले बच्चों का शानदार कॅरियर पैरेन्ट्स को आकर्षित करता है।
एडमिशन की ये है प्रक्रिया
देशभर के सैनिक स्कूलों में दाखिले आल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेंस एग्जाम (एआइएसएसईई) के माध्यम से होते हैं। यह प्रवेश परीक्षा हर साल नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित की जाती है। इसी परीक्षा के माध्यम से देशभर के सभी सैनिक स्कूलों के छठी और नौवीं कक्षाओं में दाखिला दिया जाता है।
सैनिक स्कूल के छठी कक्षा में दाखिला लेने के लिए बच्चे की उम्र 10 से 12 साल के बीच होनी चाहिए, जबकि नौवीं कक्षा में दाखिले के लिए उम्र सीमा 13 से 15 साल के बीच होनी चाहिए। इन सैनिक स्कूलों में दाखिले छात्रों की परीक्षा में परफार्मेंस और मेडिकल फिटनेस को देखकर किये जाते हैं। आपको बता दें कि देश के सैनिक स्कूलों में अब बेटियों का भी प्रवेश शुरू हो गया है। वे किसी भी सैनिक स्कूल में एडमिशन के लिए आवेदन कर सकती हैं।
आवेदन केवल एक सैनिक स्कूल के लिए हो सकता है
सैनिक स्कूलों के छठी कक्षा में दाखिले के लिए पांचवीं की परीक्षा पास होना चाहिए। वहीं, नौवीं कक्षा में दाखिले के लिए किसी भी मान्यताप्राप्त स्कूल से आठवीं पास होना चाहिए। एक और खास बात यह कि इस परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्र अपनी सुविधानुसार सिर्फ एक सैनिक स्कूल में दाखिले के लिए ही आवेदन कर सकते हैं।
आल इंडिया सैनिक स्कूल्स एंट्रेंस एग्जाम के लिए आवेदन पत्र आमतौर पर अक्टूबर से नवंबर माह के दौरान भरे जाते हैं और इसकी परीक्षा जनवरी माह के दौरान होती है। परीक्षा के लिए आवेदन पत्र सिर्फ आनलाइन माध्यम से भरे जाते हैं।
आवेदन की प्रक्रिया
आल इंडिया सैनिक स्कूल्स एंट्रेंस एग्जाम के लिए एनटीए द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। वेबसाइट पर आनलाइन फार्म भरने के दौरान छात्रों/छात्राओं को अपना या अपने परिवार के किसी सदस्य का ईमेल आइडी और फोन नंबर भरना अनिवार्य होता है। बाद में एनटीए द्वारा इसी ईमेल और फोन नंबर पर परीक्षा से संबंधित सूचनाएं भेजी जाती हैं।
परीक्षा में आनलाइन आवेदन के लिए शुल्क लिया जाता है। सैनिक स्कूल में प्रवेश परीक्षा से पहले फॉर्म भरने के लिए एप्लीकेशन फीस लगती है। इसके लिए एससी और एसटी वर्ग के लिए 400 रुपए चुकाने पड़ते हैं जबकि सामान्य, ओबीसी और अन्य सभी वर्गों के लिए 550 रुपए जमा करनी पड़ती है। ये फीस ऑनलाइन ही जमा होती है।
छठी कक्षा के लिए प्रवेश परीक्षा
छठी और नौवीं कक्षा में प्रवेश के लिए होनी वाली एआइएसएसईई परीक्षा पेपर और पेंसिल के माध्यम से होती है। स्टूडेंट्स को ओएमआर आंसर शीट पर प्रश्नों के जवाब भरने होते हैं। पेपर में सभी प्रश्न मल्टीपल च्वाइस के आते हैं। छठी कक्षा के पेपर कई क्षेत्रीय भाषाओं में होते हैं। इसमें मैथ्स (50 प्रश्न), इंटेलिजेंस (25 प्रश्न), लैंग्वेज (25 प्रश्न), जनरल नालेज (25 प्रश्न) के रूप में कुल चार वर्ग होते हैं।
पेपर में सभी वर्गों से कुल 125 प्रश्न पूछे जाते हैं। मैथ्स में प्रत्येक प्रश्न तीन अंकों का होता है यानी हर प्रश्न के सही जवाब देने पर आपको तीन अंक मिलेंगे। वहीं, इंटेलिजेंस, लैंग्वेज और जनरल नालेज के प्रत्येक प्रश्न दो अंकों के होते हैं।
इस तरह यह पूरी परीक्षा 300 अंकों की होती है। पेपर अवधि 150 मिनट है। छठी कक्षा के लिए होने वाला पेपर आप हिंदी या अंग्रेजी किसी भी माध्यम से दे सकते हैं। चाहें तो यह परीक्षा बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मराठी, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, उड़िया, असमिया और ऊर्दू भाषा में भी दे सकते हैं।
नौवीं कक्षा के लिए प्रवेश परीक्षा
नौवीं कक्षा के लिए होने वाले पेपर में मैथ्स (50 प्रश्न), इंटेलिजेंस (25 प्रश्न), इंग्लिश (25 प्रश्न), जनरल साइंस (25 प्रश्न) तथा सोशल साइंस (25) से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं। इस पेपर में कुल 150 प्रश्न पूछे जाते हैं। यह पेपर कुल 400 अंकों का है। इस पेपर की अवधि 180 मिनट है। नौवीं कक्षा के लिए परीक्षा स्टूडेंट सिर्फ अंग्रेजी माध्यम से ही दे सकते हैं।
मेरिट के आधार पर सलेक्शन
यह प्रवेश परीक्षा महज पास कर लेने से आपको दाखिला नहीं मिल सकता है। इसके लिए आपको कम से कम 40 प्रतिशत अंकों से यह परीक्षा पास करनी होगी। साथ ही, पेपर के प्रत्येक खंड में कम से कम 25 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हों।
बाद में सभी क्वालिफाइड छात्रों की एक तुलनात्मक मेरिट बनती है, जिसमें चुने गए स्कूल में आपकी कैटेगरी, मेडिकल फिटनेस और डाक्यूमेंट्स के वेरिफिकेशन को देखते हुए अंतिम चयन किया जाता है। आगामी एआइएसएसईई-2022 के लिए लड़कों के अलावा अब लड़कियों को भी दाखिले की इन सारी प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा, तभी सैनिक स्कूलों में दाखिले और पढ़ने के सपने पूरे हो पाएंगे।
बोर्डिंग स्कूल जैसे होते हैं सैनिक स्कूल
सैनिक स्कूल एक तरह का बोर्डिंग स्कूल है। सभी सैनिक स्कूल्स सीबीएसई द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। इन स्कूलों में सिर्फ इंग्लिश मीडियम से बच्चों को पढ़ाया जाता है। यहां पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद की प्रैक्टिस, निशानेबाजी, घुड़सवारी समेत तमाम तरह की फिजिकल ट्रेनिंग भी दी जाती है।
इन स्कूलों में पढ़ाई करने वाले सभी छात्र के नाम के आगे कैडेट शब्द इस्तेमाल होता है। इस तरह के स्कूलों में छात्रों को नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए-पुणे), इंडियन नेवल एकेडमी (एनए-एझिमाला) समेत दूसरे तमाम ट्रेनिंग एकेडमीज को ध्यान में रखकर आफिसर पदों के लिए तैयार किया जाता है, उन्हें आर्म्ड फोर्सेज की ट्रेनिंग दी जाती है।
रक्षा मंत्रालय की सोसाइटी चलाती है स्कूल
भारत में सैनिक स्कूल भारतीय रक्षा मंत्रालय की सैनिक स्कूल सोसायटी के द्वारा चलाये जाते हैं। सैनिक स्कूल में छात्रों को एनडीए के जरिये भारतीय सेना में अफसर बनने के हिसाब से तैयार किया जाता है। भारतीय सेना की ज़रूरतों के हिसाब से ही यहाँ दाखिला पाने वाले बच्चों को ट्रेनिंग दी जाती है, उसी हिसाब से पढ़ाया जाता है। बता दें कि देश में सबसे पहला सैनिक स्कूल 1960 के दशक में खोला गया था। ये सैनिक स्कूल लखनऊ में खुला था। देश में अभी 33 सैनिक स्कूल हैं।