रूस ने तबाह कर दिया दुनिया का सबसे बड़ा यूक्रेनी विमान ,कीमत होगी 2 लाख करोड़ रुपये के आसपास
स्पेस शटल ले जाने के लिए बनाया गया था यह विमान, दुनिया का सबसे बड़ा विमान था Antonov AN-225
रूस-यूक्रेन युद्ध में कई ऐसी चीजें तबाह हो रही हैं जो दुनिया के लिए अनोखी रही हैं। इन्हीं में से एक है दुनिया का सबसे बड़ा विमान Antonov AN-225। एकमात्र यूक्रेन के पास यह विमान था वो भी सिर्फ एक।
यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, जब कीव के पास मौजूद एयरबेस को निशाना बनाया गया तो यहां पर दुनिया का सबसे बड़ा कार्गो जहाज Antonov AN-225 पार्क था। जब रूसी सैनिक यहां घुसे तो उन्होंने विमान को काफी नुकसान पहुंचाया और तबाह कर दिया। इस विमान को ‘Mriya’ नाम दिया गया था, जिसका मतलब सपना होता है। विमान नष्ट होने से दुखी यूक्रेन ने कहा कि वह इस ऐतिहासिक विमान को फिर से बनाएगा।
दुनिया का सबसे बड़ा कार्गो विमान
AN-225 के नाम 2,53,920 किलो पेलोड ले जाने का वर्ल्ड रेकॉर्ड है। 290 फीट से ज्यादा चौड़े डैनों वाला Antonov AN-225 दुनिया का सबसे बड़ा कार्गो विमान है। इसे 1980 के दशक में यूक्रेन SSR में डिजाइन किया गया था।
उस वक्त अमेरिका और रूस के बीच तनाव चरम पर था। इस प्लेन को यूक्रेनी भाषा में Mriya नाम दिया गया जिसका मतलब ‘सपना’ होता है। सबसे बड़ा विमान होने की वजह से यह काफी मशहूर है। दुनियाभर के एयरशोज में इसे देखने काफी भीड़ जुटती है।
यूक्रेन की शान था यह विमान
AN-225 यूक्रेन के लिए किसी धरोहर की तरह था। रूस द्वारा इसे निशाना बनाने पर यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा, ‘यह दुनिया का सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट AN-225 ‘Mriya’ था। रूस ने हमारे ‘Mriya’ को तबाह कर दिया लेकिन वे कभी एक मजबूत, स्वतंत्र और लोकतांत्रिक यूरोपीय देश के हमारे सपने को नहीं तोड़ पाएंगे। हम रहेंगे।’
स्पेस शटल ले जाने के लिए बनाया गया था
AN-225 का डिजाइन बूरान स्पेस शटल को ले जाने के लिए तैयार किया गया था। जब 1991 में सोवियत यूनियन बिखरा तो बूरान कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। इसके बाद एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल भारी सामान ढोने में होने लगा। विमान ने अपनी पहली उड़ान 1988 में भरी थी। हाल के दिनों में इसका इस्तेमाल आपदाओं के दौरान राहत सामग्री पहुंचाने में होता रहा है। कोविड-19 महामारी के दौरान AN-225 से मेडिकल सप्लाई की गई।
ऐसा केवल एक ही प्लेन बना था
दुनिया में केवल एक ही AN-225 विमान है। इसे कीव की कंपनी Antonov ने बनाया है था। यह Antonoc कंपनी के बनाए एक और डिजाइन – An-124 कांडोर का बड़ा रूप है, जिसे रूसी वायुसेना इस्तेमाल करती है।
यूक्रेन की कंपनी Ukroboronprom ने घोषणा की है कि विमान को रूस के खर्च पर रीस्टोर किया जाएगा। इसमें पांच साल तक का वक्त लग सकता है और करीब 3 बिलियन डॉलर और भारतीय मुद्रा में Rs. 2,26,48,98,00,000 रुपये का खर्च आएगा।