आर्मी चीफ ने कह दी ऎसी बात, की चीन और पाकिस्तान को धमकी देने से पहले १०० बार सोचना पड़ेगा अब
जम्मू: भारत के ऊपर पहले पाकिस्तान की ही सबसे ज्यादा बुरी नज़र थी, लेकिन कुछ दिनों से चीन की भी बुरी नज़र बनी हुई है। चीन की तरफ से लगातार दिए जा रहे विवादित बयानों को देखकर लगता है कि किसी भी समय भारत को युद्ध लड़ना पड़ सकता है। इस बार दो देशों से साथ में युद्ध लड़ना पड़ सकता है। ऐसे में थोड़ी से चूक से भारत को काफी नुकसान पहुँच सकता है।
शुक्रवार को सेना प्रमुख ने किया एलओसी का दौरा:
विरोधियों की किसी भी नापाक हरकत का जवाब देने के लिए भारतीय सेना को पूरी तरह से तैयार होना चाहिए। भारतीय थल सेना प्रमुख विपिन रावत दो दिनों से जम्मू के दौरे पर हैं, उन्होंने शुक्रवार को एलओसी का दौरा किया। सेना प्रमुख ने राजौरी की एक पोस्ट का दौरा भी किया और वहाँ तैनात सेना के जवानों को यह निर्देश दिया। उन्होंने अपने दौरे में एलओसी पर तैनात सेना की तैयारियों का भी जायजा लिया।
सेना द्वारा कार्यवाइयों की जमकर की सराहना:
सेना प्रमुख विपिन रावत ने सेना द्वारा एलओसी पर की जा रही कार्यवाइयों की जमकर सराहना भी की। सेना प्रमुख शुक्रवार सुबह 10 बजे राजौरी-पुंछ बेल्ट में फारवर्ड पोस्ट का जायजा लिया। इन इलाकों में पिछले कुछ दिनों से काफी फायरिंग की जा रही है। सेना प्रमुख अपनी विजिट के दौरान एक बात का ज्यादा जोर दे रहे थे कि सेना को दुश्मन की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा।
सुरक्षा के हालात पर भी डाली नज़र:
इस विजिट में सेना प्रमुख विपिन रावत के साथ नॉर्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी अन्बू भी मौजूद थे। दोनों ही अफसरों ने वाइट नाईट कॉर्प्स का दौरा किया, वहाँ उन्होंने ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने वह सुरक्षा के हालात पर भी नज़र डाली। वहाँ के प्रवक्ता ने सेना प्रमुख को लगातार बदलती सुरक्षा व्यवस्था और विरोधी सेनाओं की हरकत का जवाब देने के लिए तैयारियों के बारे में बताया।
हमले में 11 लोग गँवा चुके हैं अपनी जान:
पिछले कुछ दिनों में इस इलाके में पाकिस्तान द्वारा जमकर गोलीबारी की गयी। गोलीबारी में 11 लोगों की मौत हो गयी, जिसमें 9 सेना के जवान भी शामिल थे। साथ ही 16 लोग घायल भी हुए। एक महीने में हुए इस फायरिंग में 110 मवेशी भी अपनी जान गँवा चुके हैं। 35 घरों को भी काफी नुकसान हुआ है। इनमें से लगभग 2 दर्जन घर अकेले राजौरी डिस्ट्रिक्ट में छतिग्रस्त हुए। इस वजह से 4000 ग्रामीणों को सरकारी कैम्प में शिफ्ट करना पड़ा।