सस्ती पढ़ाई के अलावा यूक्रेन में आकर्षण के और भी हैं कारण, इसलिए वहां जाने को तैयार रहते हैं युवा
यूक्रेन में बड़ी संख्या में पढ़ने वाले भारतीय युवा फंसे हुए हैं। भारत सरकार रोमानिया और पोलैंड में विशेष विमान भेज कर वहां यूक्रेन से पहुंचे भारतीय युवाओं को ला रही है। लेकिन अब भी काफी छात्र राजधानी कीव के बंकरों और मेट्रो स्टेशन के अंदर जान बचाने के लिए शरण लिए हुए हैं। उनको निकालने के लिए लगातार प्रयास चल रहे हैं। यहां सवाल उठता है कि आखिर इतनी बड़ी तादाद में भारतीय युवा एमबीबीएस और अन्य कोर्स की पढ़ाई के लिए यूक्रेन क्यों जाते हैं। इसमें एक बड़ा कारण सस्ती पढ़ाई तो है ही, लेकिन इसके अलावा आकर्षण के अन्य भी कारण हैं।
दुनिया की टॉप क्लास मेडिकल यूनिवर्सिटी अमेरिका और ब्रिटेन में है लेकिन MBBS की पढ़ाई करने के लिए इन दोनों देशों की बजाए देश से सबसे बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स यूक्रेन जाते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि दरअसल वहां MBBS के लिए एडमिशन बहुत आसानी से मिल जाता है। NEET क्लियर कर लेने पर ही यूक्रेन में MBBS में एडमिशन मिल जाता है फिर भले ही छात्र की रैंक कुछ भी हो।
छात्रों की यूक्रेन जाने की सबसे बड़ी वजह यही है. यूक्रेन में मेडिकल की सीट प्राप्त करने के लिए न तो हमारे यहां जैसी मारामारी होती है और न ही अमेरिका और ब्रिटेन की तरह यहां के केवल ब्रिलिएंट स्टूडेंट ही जा पाते हैं। देश में भी केवल टैलेंटेड स्टूडेंट्स को ही एडमिशन मिल पाता है लेकिन यूक्रेन में सभी छात्रों को आसानी से एडमिशन मिल जाता है जोकि यहां जाने का सबसे खास आकर्षण है।
हालांकि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यूक्रेन में MBBS की फीस बहुत कम है। मेडिकल कोर्स के लिए भारत या अन्य देशों की तुलना में यूक्रेन में फीस बहुत कम है।
देश में सामान्यत: इसमें कम से कम 60 लाख रुपए खर्च होते हैं जबकि यूक्रेन में महज 30 लाख रुपए में ही यह काम हो जाता है।भारत से हवाई जहाज से यूक्रेन आने जाने में भी महज 6 घंटे लगते हैं और फ्लाइट का किराया भी बहुत ज्यादा नहीं है। इस तरह देश की तुलना में करीब 50% कम खर्च में यहां MBBS पूरा हो जाता है।
मध्य प्रदेश के कई स्टूडेंट फंसे
इधर मध्य प्रदेश से खबर आ रही है कि वहां के भी कई स्टूडेंट यूक्रेन में फंसे हुए हैं। मध्यप्रदेश में उनके घरों में तनाव और चिंता का माहौल है। मध्य प्रदेश में सीएम हेल्पलाइन पर ही 122 लोगों के वहां फंसे होने की सूचना मिल चुकी है। प्रदेश सरकार विशेष रूप से छात्रों को वहां से सुरक्षित निकालकर लाने के लिए प्रयास कर रही है।