बॉर्डर पर तैनात था पति, बीवी उसके वेतन पर होटल में मना रही थी रंगरलियां, जानें फिर क्या हुआ
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (25 फरवरी) एक अनोखा मामला सामने आया। यहां जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने एक महिला की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने बलात्कार के आरोपी व्यक्ति की जमानत रद्द करने की विनती की थी। इसके पहले राजस्थान हाई कोर्ट ने आरोपी को जमानत दे दी थी। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी हस्तक्षेप नहीं किया।
पति के भेजे पैसों से होटल में बना रही थी संबंध
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर शंका जताई कि महिला जिसे बलात्कार कह रही है वह असल में आपसी सहमति से बने संबंध थे। महिला का पति केंद्रीय सुरक्षा बल में कार्यरत है और घटना के समय सीमा पर तैनात था। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस बात से नाराजगी जताते हुए महिला से कहा कि आप आरोपी शख्स के साथ अपनी मर्जी से होटल गई और आईटीबीपी में कार्यरत अपने पति का भेजा वेतन भी इस पर खर्च किया।
पति को नहीं थी भनक पत्नी क्या कर रही
जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि “आप (महिला) अपने बच्चों को घर छोड़कर आरोपी साथ होटल गई। उसके साथ रहने को आप ने शहर में एक अलग कमरा भी लिया। आप अपने पति के भेजे पैसे खर्च करती रहीं। सीमा पर तैनात उस बेचारे को तो ये भी नहीं पता था कि उसकी पत्नी घर पर क्या कर रही है।”
महिला के वकील का दावा- आपसी संबंध नहीं, रेप हुआ है
जस्टिस चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि “आरोप पत्र से ऐसा लगा है जैसे ये सहमति से बने संबंध थे। इसलिए यह पीठ दो दिसंबर, 2021 के हाई कोर्ट के आदेश में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी।” वहीं महिला के वकील आदित्य जैन ने कहा कि आरोपी द्वारा पीड़िता को परेशान किया गया। उसका रेप भी हुआ। उसने महिला को पैसे के लिए ब्लैकमेल भी किया।
वकील ने अपनी बात साबित करने के लिए बैंक के कुछ लेनदेन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने शिकायतकर्ता की दलीलों पर गौर नहीं किया। उन्होंने आरोपी को इस आधार पर मानत दे दी कि मामले में आरोप पत्र दायर हो चुका है।
यदि यह मामला सच है और महिला ने अपने सैनिक पति के पैसों का इस तरह इस्तेमाल किया तो ये बेहद शर्मनाक है। पति-पत्नी का रिश्ता भरोसे पर टीका होता है। उसमें इस तरह के धोखे बहुत दुख देते हैं। किसी को भी अपने पार्टनर को इस तरह धोखा नहीं देना चाहिए।