विलेन नहीं हीरो बनने आए थे प्रेम चोपड़ा, इस गलती ने बना दिया सबसे खूंखार ‘फिल्मी गुंडा’
प्रेम चोपड़ा की गिनती हिंदी सिनेमा के सबसे खूंखार और लोकप्रिय खलनायकों में होती हैं. प्रेम चोपड़ा ने हिंदी सिनेमा में अपनी अदाकारी से एक ख़ास और अलग पहचान बनाई है. प्रेम चोपड़ा ने बॉलीवुड की ढेरों फिल्मों में काम किया है. उन्हें पर्दे पर खलनायक के अवतार में देखना हमेशा से ही दर्शकों के लिए दहशत भरा रहा है.
प्रेम चोपड़ा ने अधिकतर फिल्मों में नकारात्मक किरदार ही अदा किए हैं. पर्दे पर नकारात्मक भूमिकाओं से प्रेम चोपड़ा फैंस का दिल जीतने के साथ ही उनके रोंगटे भी खड़े कर देते थे. कहा जाता है कि उन्हें देखते ही लोग अपनी पत्नियों को छुपा लिया करते थे. हालांकि आप यह नहीं जानते है कि प्रेम चोपड़ा विलेन नहीं बनना चाहते थे.
एक बार प्रेम चोपड़ा ने अपने विलेन बनने से जुड़ा एक किस्सा साझा किया था. वहीं किस्सा आज हम आपके साथ भी साझा कर रहे हैं. प्रेम चोपड़ा फिल्मों में 60, 70 और 80 के दशक में काफी लोकप्रिय रहे हैं. उन्होंने करीब 380 फिल्मों में काम किया. आज भी उनकी अदाकारी के चर्चे खूब होते हैं.
प्रेम चोपड़ा के माता-पिता उन्हें डॉक्टर या आईएएस ऑफिसर बनाना चाहते थे लेकिन वे हिंदी सिनेमा में हीरो बनने का सपना देखते थे लेकिन आपको बता दें कि न ही प्रेम के माता-पिता का सपना पूरा हुआ और न ही उनका. लेकिन उन्होंने फिल्मों में काम जरूर किया. हीरो के रूप में वे टिक नहीं सके लेकिन विलेन के रूप में प्रेम ने बड़ा नाम कमाया.
अपने एक साक्षात्कार में बात करते हुए प्रेम चोपड़ा ने बताया था कि, “बाकी एक्टर्स की तरह मैं भी शुरुआत में हीरो बनना चाहता था. कुछ पंजाबी फिल्मों में मैंने बतौर हीरो काम भी किया और वे पसंद भी की गईं, लेकिन हिंदी सिनेमा में मैंने जिन फिल्मों हीरो या सेंट्रल कैरेक्टर के तौर पर काम किया, वे फ्लॉप रहीं. अगर आपकी फिल्में फ्लॉप हो रही हैं तो इंडस्ट्री में ज्यादा मौके नहीं मिलते. मुझे निगेटिव रोल ऑफर हुए और मैंने उन्हें स्वीकार किया. दिलचस्प बात यह है कि इन रोल्स का जादू ऑडियंस पर चल निकला”.
हिंदी सिनेमा में विलेन के रूप में प्रेम चोपड़ा ने फिल्म ‘वो कौन थी?’ से शुरुआत की थी. यह फिल्म साल 1964 में प्रदर्शित हुई थी और इसे काफी पसंद किया गया था. इस फिल्म में मनोज कुमार, साधना शिवदासानी, के एन सिंह और परवीन चौधरी ने काम किया था. यह फिल्म सुपरहिट साबित हुई थी. साथ ही प्रेम चोपड़ा भी खलनायक के रप में दर्शकों के दिलों पर चाप छोड़ने में सफ़ल रहे थे.
महबूब खान ने कहा- अब विलेन के रूप में ही काम करो…
फिल्म ‘वो कौन थी?’ हिट होने के बाद एक खलनायक के रूप में प्रेम चोपड़ा की मांग काफी बढ़ चुकी थी. एक बार वे महबूब खान से मिले और उन्हें महबूब ने कहा कि तुमने फिल्म ‘वो कौन थी?’ में इतना अच्छा विलेन का किरदार निभाया है कि वो दर्शकों के दिलों पर छप गई है. अब तुम यही करो, इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता.
फिर प्रेम साहब ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उनकी यादगार फिल्मों में ‘शहीद’, ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘दो रास्ते’, ‘कटी पतंग’, ‘दो अनजाने’, ‘जादू टोना’, ‘काला सोना’, ‘दोस्ताना’, ‘क्रांति’, ‘फूल बने अंगारे’ जैसी फ़िल्में शामिल है.