योगी को गद्दी से उतार कर वहां भेजेंगे, जहां भीख मांगने की दी जाती है ट्रेनिंग – सपा गठबंधन के नेता
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 चल रहे हैं। चुनाव के चार चरण पूरे हो चुके हैं। जैसे-जैसे चुनाव बढ़ रहा है, वैसे-वैसे ही नेताओं के भाषण भी तीखे होते चले जा रहे हैं। कुछ नेता तो भाषण की मर्यादा भी पार करते नजर आ रहे हैं। कुछ ऐसा ही भाषण समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के सहयोगी नेता ने दे दिया है। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ विवादास्पद बयान दे दिया है।
इसके बाद से बवाल बढ़ गया है और लोग उनको जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं। आइए जानें आखिर वो नेता कौन हैं और उन्होंने कौन सा भाषण दे दिया जिसने बवाल खड़ा कर दिया है।
ये हैं वो नेता जिन्होंने दिया भाषण
जिस नेता ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ निजी हमला बोला और विवादास्पद बयान दे दिया वो कोई और नहीं बल्कि ओपी राजभर हैं। राजभर इस समय अखिलेश यादव की पार्टी सपा के साथ गठबंधन किए हुए हैं। उनकी पार्टी का नाम सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी है। वो अखिलेश यादव के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। दोनों ही दलों का गठबंधन भी हो चुका है। इससे पहले राजभर भारतीय जनता पार्टी के साथ ही हुआ करते थे।
हालांकि बाद में सीटों के बंटवारे को लेकर वो भाजपा से अलग हो गए। इसके बाद उन्होंने चुनाव से ठीक पहले अखिलेश से तालमेल बैठा लिया। सपा अध्यक्ष ने भी उनको हाथों हाथ लिया और दोनों विधानसभा चुनाव 2022 में एक साथ आ गए। आइए जानें राजभर ने योगी आदित्यनाथ के लिए क्या बयान दे दिया है।
जानें राजभर का विवादास्पद बयान
ओम प्रकाश राजभर चुनाव में गठबंधन को ज्यादा से ज्यादा सीटें दिलवाने के लिए लगातार कोशिशें कर रहे हैं। वो अलग-अलग जिलों में जाकर सभाएं भी कर रहे हैं। इसी क्रम में वो 23 फरवरी को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में मौजूद थे। वो वहां जनसभा कर रहे थे, इसी दौरान उन्होंने योगी पर तीखा हमला बोलना शुरू कर दिया। उन्होंने योगी पर निजी हमले करने शुरू कर दिए और भाषण में विवादास्पद बयान भी दे दिया।
राजभर ने कहा कि योगी सदन में क्या कहा करते थे, इस बारे में वो कोई बात नहीं करना चाहते हैं। वो बोले कि उनके सदन के बयानों पर वो कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। इसके बाद राजभर ने कहा कि योगी को लखनऊ की गद्दी से उठाकर वहां भिजवा देंगे, जहां भीख मांगने की ट्रेनिंग दी जाती है।
बयान से लोगों में दिखा गुस्सा
राजभर ने जैसे ही विवादस्पद बयान दिया, सोशल मीडिया पर लोगों का उनके खिलाफ गुस्सा भड़क उठा। लोग राजभर को जमकर ट्रोल करने लगे। एक यूजर मिलन सिंह ने कहा कि राजभर जी आप पहले से ही इसी तरह के इंसान हुआ करते थे या ये अखिलेश यादव के साथ आने का असर है। वहीं साबिर शेख नामक यूजर ने इस भाषण पर आपत्ति जताई। वो बोले कि राजभर को एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के बारे में ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। वहीं रमन नाम के यूजन ने अखिलेश यादव से कहा कि वो अपने साथियों को शालीन भाषा क्यों नहीं सिखाते हैं।