भारत में दिल की बीमारियों (Heart Diseases) से हर साल कई लोगों की मौत हो जाती है। इसमें हार्ट अटैक आने के मामले सबसे अधिक देखने को मिलते हैं। अनहेल्दी लाइफस्टाइल और तेल युक्त खाना युवाओं में भी दिल की समस्या पैदा कर रहा है। यदि इस बीमारी को समय रहते पहचान लिया जाए तो जान बच सकती है।
3 साल पहले पता लगेगा हार्ट अटैक आएगा या नहीं
वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक गजब की खोज की है। इस नई तकनीक के चलते आपको करीब 3 साल पहले ही पता चल जाएगा कि आपको हार्ट अटैक (Heart Attack) आने का रिस्क कितना अधिक है। दरअसल इसकी जानकारी एक खास टेस्ट से मिल जाएगी। इस नए टेस्ट की वजह से बीमारियों से होने वाली मौतों में काफी हद तक कमी आएगी।
ऐसे पता चलेगा हार्ट अटैक का कितना है रिस्क
वैज्ञानिकों ने हार्ट अटैक (Heart Attack) के पुराने मरीजो के सी-रिएक्टिव प्रोटीन का टेस्ट किया। इसमें उन्हें इंफ्लेमेशन का पता लगा। वहीं ट्रोपोनिन का स्टैंडर्ड टेस्ट भी किया गया। ट्रोपोनिन (Troponin) एक खास प्रोटीन होता है जो दिल के डैमेज होने पर खून में से निकलता है।
रिसर्च के अनुसार ढाई लाख लाख मरीजों पर ये टेस्ट हुए। इसमें जिनका सीआरपी लेवल अधिक था और ट्रोपोनन टेस्ट पॉजिटिव आए, उनमें 3 साल में मौत खतरा लगभग 35 फीसदी था। वैज्ञानिकों के अनुसार यदि सही समय पर मॉनिटरिंग की जाए और एंटी-इंफ्लेमेटरीज दवाओं का सेवन किया जाए तो मौत को टाला जा सकता है।
इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन (Imperial College London) के डॉ. रमजी खमीज बताते हैं कि इस टेस्ट की खोज तब हुई जब दूसरे टेस्ट से अधिक कमजोर लोगों में इसके खतरे की पहचान की जा रही थी।
43 फीसदी तक कम होगा खतरा
रिसर्च के लिए फंड जारी करने वाले ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन (British Heart Foundation) के प्रोफेसर जेम्स लीपर (James Leiper) बताते हैं कि यह डॉक्टर्स की मेडिकल किट में एक नायाब टूल साबित होगा। एक स्टडी के अनुसार दिन में लगभग 4 घंटे एक्टिव रहने से दिल की बीमारी (Heart Disease) का खतरा 43 फीसदी तक कम हो जाता है।
हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ट अटैक (Heart Attack) के लक्षणों के बारे में अमेरिका में स्थित सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) ने कुछ जानकारी साझा की है। इसके अनुसार सीने में दर्द या अधिक बेचैनी होना इसका सबसे बड़ा लक्षण है। वहीं कमजोरी, गले, कमर या जबड़े में दर्द होना भी इस बीमारी का संकेत है। वहीं बेचैनी या कंधे में दर्द रहने पर आपको सतर्क हो जाना चाहिए।