यूक्रेन की महिलाओं ने चूल्हा-चौका-परिवार को छोड़ उठाए हथियार, रूसी सैनिकों के छूटेंगे पसीने
रूस की तरफ से हुए हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए यूक्रेन की सेना भी अब पूरी तरह से तैयार हो गई है। यहां पर न सिर्फ पुरुष सैनिक बल्कि महिलाएं भी आगे आ रही हैं और उन्होंने अपने परिवार बच्चों को छोड़ दुश्मन देश से बदला लेने के लिए हथियार उठा लिए हैं।
रिपोर्ट की माने तो यूक्रेन की लड़कियों को बंदूक चलाने से लेकर फर्स्ट एड और सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है। इतना ही नहीं बल्कि इस ट्रेनिंग में 20 से लेकर 60 साल तक की महिला भी शामिल है। जबकि यूक्रेन की 30,000 से ज्यादा महिलाएं पहले ही देश की सेवा में जुटी हुई है। आइए जानते हैं इस यूक्रेन में चल रहे विवाद के बारे में..
सबसे पहले तो हम यह जानते हैं कि आखिर रूस ने यूक्रेन पर हमला क्यों किया? दरअसल साल 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद यूक्रेन एक अलग देश बना, लेकिन बीते कुछ सालों में ही यूक्रेन की पश्चिमी देशों से नजदीकी बढ़ी जिसके चलते रूस ने इस पर हमला बोल दिया। पहले भी साल 2014 में रूस ने यूक्रेन के इलाके क्रीमिया पर हमला किया था। इसके बाद इसे अपने कब्जे में कर लिया।
बता दें, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में विदेशी मामलों पर शोध कर रहे सत्यम सिंह के मुताबिक, “रूस को डर है यदि यूक्रेन पश्चिमी देशों के गुट ‘नाटो’ में शामिल हो गया तो यह उसकी सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हो सकता है, क्योंकि ऐसा होने से नाटो की पहुंच मॉस्को के करीब तक हो जाएगी। यही कारण है कि रूस यूक्रेन पर दबाव बनाकर रखना चाहता है।”
इसी बीच यूक्रेन की नई सेना तैयार हो रही है जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल होगी। ऐसे में महिलाओं को लड़ने के लिए प्राथमिक ट्रेनिंग, बंदूक चलाना और सेल्फ डिफेंस जैसी ट्रेनिंग दी जा रही है। जिस तरह से यूक्रेन महिलाओं को ट्रेनिंग दे रहा है उसे देख कर लग रहा है कि यह महिलाएं किसी भी पुरुष सैनिक पर भारी पड़ने के लिए काफी है।
बता दें, यूक्रेन की महिला इससे पहले भी अपना जौहर दिखा चुकी है। जब साल 2014 में रूस ने क्रीमिया पर कब्जा किया था, तब भी महिलाओं ने बढ़ चढ़कर अपना दम दिखाया था। इस दौरान कई नागरिकों और सैनिकों की मौत भी हो गई थी।
बता दें, यूक्रेन साल 1993 से ही सेना में महिलाओं को शामिल कर रहे हैं। जिस तरह युवा महिलाएं अपने देश के लिए जान देने को तैयार है। ठीक उसी प्रकार बुजुर्ग महिला सैनिक भी यूक्रेन की रक्षा के लिए आगे आ रहे हैं और कई बुजुर्गों ने इसमें हिस्सा लिया है।
सोशल मीडिया पर ऐसी कई तस्वीरें आई है जिसमें बुजुर्ग महिलाऐं भी बंदूक था में नजर आ रही है। दिलचस्प बात यह है कि यूक्रेन में ‘बाबुश्खा बटालियन’ नाम से एक बटालियन है जो सिर्फ बुजुर्ग महिलाओं के लिए बना हुआ है।
बता दे पिछले दिनों यूक्रेन में महिला सैनिकों को लेकर विवाद भी हो चुका है। दरअसल यहां पर परेड के दौरान कई महिलाएं हाईहील पहने हुए नजर आई थी जिसके बाद फेमिनिस्ट ने सेना और सरकार पर कई तरह के गंभीर सवाल उठाए गए थे। उनका कहना था कि ऐसा करके यूक्रेन की सेना पुरुष और महिला के बीच भेद कर रही है।