एक ही समय और एक ही जगह मां की अर्थी सजी और बेटे के सिर सेहरा सजा: जब होनी के आगे बेबस हो गए सब
एक बेहद ही दिल दुखाने वाली घटना सामने आई। बेटे की बारात निकलने वाली थी कि तभी मां की मौत हो गई। उसके बाद ना चाहते हुए भी एक तरफ मां की अर्थी सजी और दूसरी तरफ बेटे की सिर सेहरा सजा। क्या है पूरा मामला आपको आगे बताते हैं।
मां ने सपना देखा था कि बेटे की शादी होगी, घर में बहू आएगी लेकिन शायद भगवान को कुछ और ही मंजूर था। बेटे की बारात निकलने से पहले मां की मौत हो गई। उस बेटे पर क्या गुजरी होगी जब घर में एक तरफ मां की लाश पड़ी हो और दूसरी तरफ उसके सिर पर सेहरा सजाया जा रहा हो। बिहार के औरंगाबाद जिले में यह मार्मिक दृश्य देखने को मिला। परिजनों ने मृतका की अर्थी को सजाकर घर के बाहर रख दिया। इसके बाद बेटे की बारात सजाकर बाहर निकाली गई।
जानकारी के अनुसार ओबरा के एनएच-139 पर मस्तलीचक मोड़ के पास बाइक से गिरने से 72 वर्षीय महिला बुधनी देवी की शनिवार को मौत हो गई । उसी दिन बुधनी देवी के बेटे रणधीर कुमार की बारात मदनपुर के डोमन बिगहा गांव में जानी थी। बारात की तैयारी हो रही थी। इसी दौरान खर्च करने के लिए कुछ पैसे की जरूरत पर बुधनी देवी बैंक से पांच हजार रुपए निकालने गई।
पैसा निकाल कर अपने दामाद के साथ स्पलेंडर बाइक से जैसे ही वह मस्तली चक मोड़ पर पहुंची। वैसे ही अज्ञात वाहन के द्वारा धक्का देने से बाइक से गिर गई। हादसे में वृद्ध महिला बुरी तरह जख्मी हो गई। इलाज के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान बुधनी देवी की मौत हो गई।
बुधनी देवी की मौत के बाद उसका दुल्हा बेटा रणधीर खूब रोया। क्योंकि उसकी मां बहुत प्यार से उसकी शादी कर रही थी। शादी तय करने से लेकर तिलक चढ़ाने तक में उसकी मां ने अपनी पूरी क्षमता लगा दी थी। बेटे की बारात सजाने की भी उसने पूरी तैयारी की थी, लेकिन बारात निकाल नहीं पायी। अपने बेटे को आशीर्वाद नहीं दे पायी।
बहू को गृह प्रवेश नहीं करा पायी। इसके पहले ही वह दुनिया छोड़कर चल बसी। मृतका के तीन बेटे हैं जिसमें बड़ा बेटा रामाशीष यादव, मंझला बेटा अरविंद यादव एवं सबसे छोटा बेटा रणधीर यादव है। शादी को लेकर दिवंगत मां के आग्रह और दोनों तरफ पूरी तैयारी होने के कारण परिवार के लोगों ने अंतिम संस्कार के बाद बारात ले जाने का बड़े ही भारी मन से फैसला लिया।