जब एक ही घर में बारात लेकर पहुंच गईं तीन दुल्हनें, जानिए उसके बाद की पूरी कहानी
देहरादून (उत्तराखंड)! आम तौर पर जब हम किसी शादी-ब्याह में शरीक होते हैं तो देखने को मिलता है कि शादी के मंडप में एक दूल्हा और दुल्हन ही मौजूद होते हैं। इतना ही नहीं बारात भी दूल्हा दुल्हन के घर लेकर जाता है, लेकिन अब एक ऐसी शादी चर्चा में हैं। जहां तीन दुल्हन एक साथ बारात लेकर दुल्हे राजा के घर पहुँच गईं। आइए ऐसे में जानें पूरी बात…
बता दें कि अपना देश भारत सांस्कृतिक विविधताओं वाला देश है। ऐसे में यहाँ बहुत सारे रीति-रिवाज और परंपराएं हैं। ऐसा ही कुछ उत्तराखंड के देहरादून जिले के जौनसार-बावर क्षेत्र में देखने को मिलता है।
जहां महिलाएं आज भी अपनी पहचान को लेकर संघर्ष करती नजर आ रही हैं और यही वजह है कि इस क्षेत्र की महिलाएं दूल्हे के घर खुद ही बारात लेकर जाती है। ताकि उनकी अपनी एक अलग पहचान बन सकें। बता दें कि यह परंपरा कोई नई नहीं है और इसे स्थानीय भाषा में ‘जोजोडिये विवाह’ कहा जाता है।
इस विवाह के तहत दुल्हन 40 से 50 बाराती लेकर दूल्हे के घर जाती है और फिर वहां विवाह की सभी रस्में होती है और इसी परंपरा का निर्वहन बीते दिन शनिवार को क्षेत्र के कोरुवा में हुआ। जब तीन दुल्हनें बारात लेकर दूल्हे के घर जा पहुंची।
बता दें कि इस विवाह से न सिर्फ परंपरा का निर्वहन हो रहा, बल्कि यह बढ़ती महंगाई के दौर में फिजूलखर्ची से भी बचाती है औऱ यह परंपरा जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर में वर्षो से चली आ रही है।
वहीं जानकारी के लिए बता दें कि जब बीते दिन जौनसार- बावर के कोरुवा गांव में तीन दुल्हनें बारात लेकर एक घर में पहुंची तो घर में हर तरफ खुशी का माहौल छा गया, क्योंकि किसी घर में एक साथ तीन बहुएं आ जाएं तो खुशी का माहौल बनना स्वाभाविक सी बात है। गौरतलब हो कि शनिवार को कालसी ब्लॉक की खत बमटाड के कोरुवा गांव में नारायण तोमर के घर में तीन बेटों की शादी हुई और
नारायण सिंह तोमर ने अपने सबसे बडे बेटे कमल की दुल्हन अन्जू ककाड़ी गांव व भाई सरदार सिंह तोमर के दो बेटों दिनेश की दुल्हन मनीषा कोटी कनासर गांव से, अंकित की दुल्हन अस्मिता लेल्टा गांव से तय की थी। जौनसार की परंपरा के अनुसार बारात तीनों दुल्हनें दुल्हा पक्ष के घर लेकर पहुंची और एक ही घर में एक साथ तीन दुल्हनों के पहुंचने पर शादी की रौनक अलग ही देखने को मिली।