बीते वर्ष जब अफगानिस्तान पर तालिबानियों ने कब्जा जमा लिया था। उसके बाद वहां के भयावह मंज़र से आप सभी वाकिफ़ ही होंगे। जी हां उस दौरान के दृश्य ही कुछ ऐसे निकलकर सामने आ रहें थे। जिसे देखकर हर किसी की रूह कांप उठी थी। वहीं बीते वर्ष अफगानिस्तान में तालिबान शासन के क्रूर अत्याचारों से बचाए गए सिखों ने आज पीएम मोदी से मुलाक़ात की और इस दौरान वहां पर मौजूद एक शख्स निदान सिंह ने पीएम मोदी को अपनी दास्तान सुनाई। उन्होंने कहा कि तालिबानियों ने हमें गुरद्वारे में पकड़ लिया था।
इतना ही नहीं निहाल सिंह ने इस दौरान पीएम मोदी को बताया कि वह हमको हिंदुस्तानी जासूस समझ रहे थे और हमारा धर्मांतरण कराना चाहते थे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि लेकिन हम पीएम मोदी का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने इस मुश्किल वक्त में हमारा साथ दिया और उन्होंने हमको वहां से रेस्क्यू करवाया था।
गौरतलब हो कि आज पीएम मोदी ने दिल्ली में अपने आवास पर इन अफगान सिख-हिंदू प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी औऱ इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों ने पीएम मोदी से मिलकर अफगानी नागरिकों की मदद करने के लिए शुक्रिया अदा किया। वहीं बता दें कि इस दौरान अफगान सिख-हिंदुओं ने पीएम मोदी के सामने कुछ मांगें भी रखी।
Earlier today, had the opportunity to interact with Hindu and Sikh refugees from Afghanistan. pic.twitter.com/qhshHb4E7o
— Narendra Modi (@narendramodi) February 19, 2022
प्रतिनिधि मंडल की यह है मांग…
बता दें कि सिख प्रतिनिधि मंडल ने मोदी से मिलने के बाद न सिर्फ अपनी दास्तां बताई। बल्कि कुछ मांगें भी रखी। जो निम्नवत है…
Delhi | Prime Minister Narendra Modi met an Afghan Sikh-Hindu delegation at his residence today. pic.twitter.com/vNOM3nzEve
— ANI (@ANI) February 19, 2022
1) तालिबानी नागरिकता और ओवरसीज सिटिजनशिप प्रदान की जाएं।
2) सरकारी नौकरियों में छूट देने की मांग।
3) अफगान शरणार्थियों के पुनर्वास की अपील।
4) वीजा, आवासीय और निकास परमिट देने की गुजारिश।
भारत ने चलाया था तालिबान से अपने व्यक्तियों को बचाने का अभियान…
Prime Minister Narendra Modi met members of the Sikh-Hindu Delegation from Afghanistan at 7 Lok Kalyan Marg earlier today. They honoured the Prime Minister and thanked him for bringing Sikhs and Hindus safely to India from Afghanistan: Prime Minister’s Office (PMO) pic.twitter.com/vDrwMY4xef
— ANI (@ANI) February 19, 2022
वहीं आखिर में बताते चलें कि अफगानिस्तान में बीते साल उस वक्त अफरातफरी की स्थिति पैदा हो गई थी। जब तालिबान ने 15 अगस्त, 2021 को राष्ट्रपति भवन पर कब्जा जमा लिया था और तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी को देश छोड़कर भागना पड़ा था। इसके तुरंत बड़ी संख्या में लोगों का यहां से पलायन शुरू हो गया था और काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की भारी भीड़ एकत्र हो गई थी।
जिसके बाद भारत ने भी अफगानिस्तान से अपने नागरिकों और ऐसे लोगों की निकासी के लिए अभियान चलाया था, जो मुल्क छोड़ना चाहते थे। वहीं, भारत की मौजूदा सरकार ने अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न झेलने वाले अल्पसंख्यकों के प्रति कई बार अपनी प्रतिबद्धता जताई है। यही वजह है कि अफगानिस्तान से भारत आए सिख और हिंदू समुदाय के शरणार्थियों ने शनिवार को पीएम मोदी के आवास पर उनसे मुलाकात कर उन्हें शुक्रिया कहा।